अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को खत्म करने और राज्य को तीन हिस्सों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को सर्वसम्मति से सही ठहराया है। साथ ही, संविधान पीठ ने केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने और भारतीय निर्वाचन आयोग को वहां 30 सितंबर, 2024 तक चुनाव कराने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी.आर. गवई और सूर्यकांत की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि ‘अनुच्छेद-370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति को पूर्ववर्ती राज्य की संविधान सभा की गैर मौजूदगी में, इसे रद्द करने का अधिकार था। जम्मू-कश्मीर राज्य की कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी और भारतीय संविधान को वहां लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता नहीं थी। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमने माना है कि जब जम्मू-कश्मीर राज्य भारत संघ में शामिल हुआ तो उसने अपने पास संप्रभुता का कोई तत्व बरकरार नहीं रखा था। संविधान पीठ ने 1947 में भारत में शामिल होने पर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संवैधानिक प्रावधानों को खत्म करने के मसले पर तीन सहमति वाले फैसले दिए। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने जस्टिस बी.आर. गवई और सूर्यकांत के लिए लिखे गए अपने फैसले में कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति को पूर्ववर्ती राज्य की संविधान सभा की गैर मौजूदगी में इसे रद्द करने का अधिकार था। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के फैसले से जस्टिस संजय किशन कौल और संजीव खन्ना ने भी अपने-अपने फैसले में सहमति जताई।

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