एमपी में ‘मोहन’ आए ‘मामा’ गए

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भोपाल। विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे घोषित होने के बाद से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में संस्पेंश बरकरार था। रविवार को छत्तीसगढ़ का पत्ता खोलते हुए भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। वहीं सोमवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए मोहन यादव के नाम का ऐलान कर दिया। इसी के साथ ‘मामा राज’ यानि शिवराज सिंह चौहान का राज खत्म हो गया।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री आखिर कौन होगा, इसका खुलासा सोमवार शाम को हो गया। इस दौड़ में वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कहीं वरिष्ठ नेता शामिल थ। सोमवार को भोपाल में मध्यप्रदेश भाजपा विधायक दल के बैठक के बाद शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव के नाम का ऐलान मुख्यमंत्री पद के लिए कर दिया गया। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण के विधायक हैं।
मध्यप्रदेश में जन्मे और माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति में प्रवेश करने वाले मोहन यादव का संघ से काफी नजदीकी है। संघ और पार्टी के कई पदों पर कार्य करने के बाद मोहन मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया। पहली बार 2013 में विधायक बने मोहन यादव 2018 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। साथ ही 2020 में बनी भाजपा सरकार में मोहन मंत्री बने। बताया जा रहा है कि 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं।

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