उत्तराखंड की आकांक्षा ने लद्दाख में कांग यात्से चोटी फतह की

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हल्द्वानी। अनीता रावत

नैनीताल की आकांक्षा चतुर्वेदी ने लद्दाख क्षेत्र में बेहद कठिन कही जाने वाली कांग यात्से चोटी फतह की है। दावा है कि इस चोटी को बालिका वर्ग में सबसे कम उम्र में फतह करने वाली वह पहली बालिका बन गई हैं। नैनीताल के ऑल सेंट्स कॉलेज में पढ़ने वाली आकांक्षा की इस उपलब्धि पर प्रधानाचार्य किरन जरमाया ने खुशी जाहिर की है।


ऑल सेंट्स कॉलेज में 9वीं की छात्रा आकांक्षा चतुर्वेदी ने हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में बताया कि इंडियन माउंटेन फेडरेशन की पहल पर पिकट एडवेंचर की ओर से लद्दाख रेंज में कांग यात्से चोटी पर ट्रैक आयोजित किया गया। 6 हजार 250 मीटर की ऊंचाई वाली चोटी तक पहुंचना बेहद कठिन काम है। 14 से 26 अगस्त तक आयोजित इस ट्रैकिंग में आकांक्षा के साथ उसकी बहन आसमा चतुर्वेदी और पिता दिनेश चतुर्वेदी समेत सात अन्य लोग भी शामिल थे। इस दल में एकमात्र आकांक्षा चोटी फतह कर सकी। इस बीच 83 किलोमीटर की पैदल दूरी ऊंचाई में पूरी की। आकांक्षा के अनुसार करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर बर्फीले पर्वतों में पैदल यात्रा बेहद ही जोखिम भरा सफर रहा। खराब मौसम के चलते चुनौतियां बढ़तीं रहीं, लेकिन उन्होंने एक संघर्षशील पर्वतारोही का परिचय देते हुए चोटी फतह कर भारत का झंडा फहराया। जहां ऑल सेंट्स कॉलेज के झंडे को भी सम्मान दिया गया। उन्होंने दावा किया है, कि 15 वर्ष की उम्र में इससे पहले किसी भी बालिका ने चोटी फतह नहीं की है। हालांकि बालक वर्ग में साढ़े 14 वर्ष के एक किशोर ने यह रिकॉर्ड बनाया है। गार्डन हाउस नैनीताल निवासी आकांक्षा के पिता दिनेश चतुर्वेदी लखनऊ में कारोबारी हैं। जबकि माता सुधा चतुर्वेदी गृहिणी हैं। छात्रा की इस उपलब्धि पर ऑल सेंट्स कॉलेज की प्रधानाचार्य जरमाया ने खुशी व्यक्त कर कहा विद्यालय की छात्राएं लगातार विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर नाम रोशन कर रही हैं। इससे पूर्व भी विद्यालय की छात्रा आकांक्षा की बड़ी बहन आसमा चतुर्वेदी यूरोप में एल्बर्स पर्वत फतह कर चुकी हैं।

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