तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में बवाल

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और भाजपा सांसदों के छह सदस्यीय केंद्रीय दल को शुक्रवार को संदेशखाली जाने से रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। ज्ञात हो कि संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। शाहजहां से जुड़े लोगों ने पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं।
पश्चिम बंगाल प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस की रैली को पुलिस ने पहले सरबेरिया में और फिर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली के रास्ते में रामपुर में रोक दिया। इस बीच चौधरी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है और सवाल किया कि विपक्षी राजनीतिक दलों को संदेशखाली जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। भाजपा सांसदों के एक केंद्रीय दल को भी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का दौरा करने से रोक दिया । केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि पुलिस ने धारा 144 के तहत लागू की गई निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए सांसदों के केंद्रीय दल को संदेशखाली जाने की अनुमति नहीं दी। रास्ते में रामपुर गांव में रोके जाने के बाद भाजपा का छह सदस्यीय दल धरने पर बैठ गया। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री भौमिक ने आरोप लगाया कि पुलिस दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उधर, टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को लगातार आठवें दिन भी जारी रहा, जिसमें महिला प्रदर्शनकारियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के प्रमुख अरुण हलदर ने शुक्रवार को कहा कि आयोग ने संदेशखाली में टीएमसी समर्थकों द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंपी गई रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संदेशखाली का दौरा किया था। राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए हलदर ने दावा किया कि राज्य में अपराधियों ने सरकार से गठजोड़ कर लिया है। उन्होंने कहा कि संदेशखाली हिंसा का असर अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर भी पड़ रहा है।

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