दिल्ली रेकी करने वाले दो अन्य आतंकियों की तलाश में छापेमारी

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नई दिल्ली। नीलू सिंह
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े जैश-ए-मोहम्मद के दोनों आतंकियों के दो साथियो की तलाश में पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं। दोनों फरार साथियों पर यह आरोप है कि इन्होंने भी पकड़े गए आतंकियों के साथ दिल्ली के विभिन्न स्थानों की रेकी की थी और इनके फोटो व वीडियो बनवाए थे। वहीं आतंकियों को दिल्ली के लक्ष्मी नगर, वजीराबाद व जामिया में पनाह देने वाले एक कश्मीरी समेत तीन अन्य संदिग्धों की भी पुलिस तलाश कर रही है।
खास बात यह है कि पनाह देने वाले भी पिछले करीब एक साल से किराए का मकान लेकर दिल्ली में रह रहे थे। यह खुलासा मामले की जांच के दौरान हुआ। स्पेशल सेल के मुताबिक पूछताछ में दोनों आतंकियों अब्दुल लतीफ गिनाई उर्फ उमर उर्फ दिलावर और हिलाल अहमद भट ने यह भी बताया कि वे अपने अन्य साथियों के साथ पिछले नवम्बर से रेकी के लिए दिल्ली आ रहे हैं। स्पेशल सेल ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद के जिस पाकिस्तानी कमांडर अबू मौजा द्वारा उसे श्रीनगर और आसपास ग्रेनेड हमले का काम सौंपा गया था, उसकी ने दिल्ली में हमला करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए उसने इन आतंकियों को तीन बार दिल्ली भेजा था। तीनों बार हिलाल अहमद भट की मदद से ललित और दो अन्य ने रेकी की थी। स्पेशल सेल के मुताबिक इसमें से हिलाल दिल्ली से वाकिफ था और उसके नेटवर्क थे, लिहाजा उसने न सिर्फ ठहरने की व्यवस्था की, बल्कि दिल्ली के प्रमुख ठिकानों पर ले जाने व रेकी की भी व्यवस्था कराई। उधर पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि जैश के इन आतंकियों के निशाने पर दक्षिणी दिल्ली के दो मॉल, तीन प्रमुख बाजार और दो वीआईपी थे। अबतक की जांच में यह बात भी सामने आई कि इन ठिकानों व वीआईपी के बारे में इनलोगों ने जानकारी भी एकत्र कर ली थी। इतना ही नहीं इन जगहों व लोगों के फोटो व वीडियो इस हमले की साजिश रचने वाले पाकिस्तान में बैठकर खाका तैयार करने वाले जैश कमांडर अबू मौजा को भेजा भी था।
स्पेशल सेल के मुताबिक अब्दुल लतीफ गिनाई से पूछताछ में यह भी पता चला कि पाकिस्तान में बैठा जैश कमांडर अबू मौजा उर्फ अबू बकर ही उसका आका है और वही उसे ग्रेनेड मुहैया कराता रहा है। लतीफ की निशानेदही पर पुलिस ने दो ग्रेनेड बरामद भी किए हैं। अब पूछताछ में यह भी पता चला कि इसने और भी ग्रेनेड छिपाकर रखे हैं। पुलिस की टीम श्रीनगर पुलिस के साथ मिलकर वहां छोपमारी कर भी रही है। अबू मौज़ा ने उन्हें पिछले साल नवंबर में एक आकिब के माध्यम से सात हैंड ग्रेनेड दिए थे। अबू मौजा के निर्देश पर वह लाल चौक गया था तो उसे वहां आकिब मिला था। आकिब दो दिनों तक लतीफ के घर रहा था। आकिब ने एक दर्जन से अधिक हैंड ग्रेनेड, एक पिस्तौल और 30 जिंदा कारतूस लतीफ को दिए थे।
पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि अब्दुल लतीफ गिनाई द्वारा तैयार जैश के इस मॉड्यूल में श्रीनगर और आसपास के इलाके में 12 आतंकी हैं। वह इनके जरिये ही श्रीनगर में वारदातों को अंजाम दिलवाता है। चूंकि उसका दायरा काफी बड़ा है और वह शुरूआती दौर में अक्सर समाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया करता था, इस कारण काफी लोग उससे जुड़े हैं। इसका फायदा उठाते हुए उसने जब आतंक की दुनिया में कदम रखा तो इनमें से कई लोगों का ब्रेनवॉश कर उन्हें अपने मॉड़्यूल में शामिल कर लिया।

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