आम्रपाली की दो परियोजनाओं पर काम को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी

एनसीआर गुडगाँव दिल्ली दिल्ली लाइव नोएडा राजधानी राज्य समाचार

नई दिल्ली| नीलू सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने शुकव्रार को एनबीसीसी को आम्रपाली समूह की दो परियोजनाओं पर काम पूरा करने की अनुमति दे दी है। एनबीसीसी ने कोर्ट को बताया कि उसने ईडन पार्क और कैसल परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए टेंडर जारी किए हैं। दोनों पर फरवरी में निर्माण शुरू हो जाएगा।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीट ने कहा एनबीसीसी अब इन दोनों परियोजनाओं पर काम शुरू कर सकता है। एनबीसीसी के वकली ने बताया कि दोनों परियोजनाओं पर कुल आठ करोड़ का खर्च आएगा। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस मामले के अन्य मुद्दों जैसे अवमानना, अनबिकी वस्तुओं की बिक्री और 140 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री पर जेपी मॉर्गन के पक्ष की विस्तृत सुनवाई 11 फरवरी को होगी। पीठ ने पक्षकारों से विभिन्न आम्रपाली परियोजनाओं में रह रहे घर खरीदारों को बिना कब्जा प्रमाण पत्र दिए पंजीकरण प्रमाण पत्र देने के कानूनी तरीके भी पूछे हैं।
कोर्ट ने कहा कि प्रमुख आर्थिक अधिकारी चंद्र वाधवा को बताना होगा कि कैसे उनके खाते से पिछले साल 26 अक्तूबर को 4.75 करोड़ रुपये उनके करीबियों के खाते में जमा किए गए, जबकि वह इससे पहले कोर्ट के सामने पेश हो चुके थे। कोर्ट ने कहा कि इसमें अवमानना का मामला बनता है। दरअसल, वाधवा को वधवा को खाते में पड़े करीब 12 करोड़ रुपये जमा करने थे।
कोर्ट द्वारा 16 जनवरी को नियुक्त न्यायिक लेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आम्रपाली ग्रुप ने उच्चवर्गीय फ्लैट की बुकिंग एक रुपये, 11 रुपये और 12 रुपये वर्ग फीट की दर से गृह स्वामियों के नाम पर की थी। लेखा परीक्षक की जांच में खुलासा हुआ है कि परिचारक , चपरासी, और ड्राइवर के नामों पर दर्ज 23 कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। यह सभी आम्रपाली कॉनसोर्टियम के अंतर्गत आती थीं। इनके जरिए गृह खरीदारों की रकम को हड़पा गया।
दो न्यायिक लेखा परीक्षको ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि 655 लोगों के खिलाफ बेनामी फ्लैट बुक करने का नोटिस जारी किया गया है। लेखा परीक्षकों ने बताया कि कंपनी ने जिन 122 स्थानों पर इनके नाम से घर बुक किए गए थे वहां इनमें से कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *