चिकित्सा विज्ञान भी कला है

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देहरादून। अनीता रावत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के एडिशनल सेक्रेट्री वित्त डा. धर्मेंद्र सिंह गंगवार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश का दो दिवसीय दौरा किया। उन्होंने एम्स अस्पताल का सघन निरीक्षण किया और संस्थान की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके लिए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के स्तर पर किए गए सक्रिय व रचनात्मक प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की। इस दौरान एडिशनल सेक्रेट्री डा. गंगवार ने अतिथि व्याख्यान में चिकित्सकों को अच्छे चिकित्सक बनने के गुर भी सिखाए। केंद्रीय सचिव डा. गंगवार दो दिवसीय दौरे पर बीती शुक्रवार देरशाम एम्स संस्थान में पहुंचे। जहां संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने फैकल्टी मेंबर्स व चिकित्सकों के साथ उनका स्वागत किया। इस दौरान आयोजित अतिथि व्याख्यान में उन्होंने अच्छे चिकित्सक कैसे बनें विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि मरीज के उपचार की प्रक्रिया में विज्ञान के साथ ही कला भी शामिल है। मगर मेडिकल पाठ्यक्रम में विज्ञान को तो शामिल किया गया है कला को नहीं । उन्होंने इसके लिए विद्यार्थियों को मरीजों के प्रति भावात्मक लगाव पर जोर दिया और उन्हें रोगियों से बेहतर संवाद व अच्छा व्यवहार किस तरह से विकसित हो इसके टिप्स दिए। डा. गंगवार ने उन्हें इमोशनल इंटेलीजेंस डेवलपमेंट व मरीजों के प्रति बेहतर पारस्परिक संबंध पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सफलता प्राप्त करने से खुशी आएगी यह जरुरी नहीं वरन खुश रहने पर जीवन में सफलता प्राप्त करने की गारंटी है। उन्होंने जीवन में रचनात्मकता व सकारात्मक सोच विकसित करने पर जोर देते हुए बताया कि इससे मस्तिष्क की नर्वस खुल जाती हैं व व्यक्ति समाज में सहभागिता करते हुए ज्यादा बेहतर तरीके से आगे बढ़ सकता है। एक अच्छे चिकित्सक के लिए इससे पूर्व एक अच्छा इंसान बनना जरुरी है, वजह पढ़ाई से अच्छा डॉक्टर बना जा सकता है मगर अच्छा इंसान बनने के लिए कोई किताब नहीं होती लिहाजा यह हुनर स्वयं से विकसित करना पड़ता है। इस दौरान एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने उन्हें बताया कि संस्थान में एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में व्यवहारिक शिक्षा, मरीजों, तीमारदारों व चिकित्सक के बीच बेहतर संवाद समन्वय विषय को पहले ही शामिल किया जा चुका है। निदेशक ने आने वाले समय में पाठ्यक्रम को और अधिक बेहतर और कारगर बनाने की बात कही है,जिससे चिकित्सक व मरीज में पारस्परिक संबंध और अधिक मजबूत हों। एडिशनल सेक्रेट्री डा. गंगवार ने शनिवार को सुबह विभिन्न विभागों के प्रमुखों व फैकल्टी, चिकित्सकों से अस्पताल के क्रियाकलापों के प्रति चर्चा की और अस्पताल का सघन निरीक्षण किया। इस दौरान डीन (एकेडमिक) प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने प्रजेंटेशन के माध्यम से एम्स ऋषिकेश की बीते दो वर्षों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो. गुप्ता ने बताया कि पद्मश्री प्रो. रवि कांत के संस्थान के निदेशक बनने के बाद एम्स ने विभिन्न क्षेत्रों में अप्रत्याशित प्रगति की है, उनकी अगुवाई में संस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय सचिव डा. गंगवार ने संस्थान की प्रगति के प्रति संतोष जताया और इसके लिए निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बृजेश, एम्स के उप निदेशक ( प्रशासन) अंशुमन गुप्ता, प्रोफेसर बीना रवि, प्रो. शालिनी राव, प्रो. प्रतिमा गुप्ता,डा. सोमप्रकाश बासू, प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, डा. संजीव मित्तल,डा. किम जैकब मेमन,डा.सुधीर सक्सेना,डा.नीरज कुमार,डा. वर्तिका सक्सेना, डा. अनुुभा अग्रवाल आदि मौजूद थे।

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