उत्तराखंड में महिला पुलिसकर्मी को बच्ची की देखभाल के लिए 45 दिन का अवकाश

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने बच्ची की अकेली अभिभावक महिला पुलिसकर्मी को बेटी की देखभाल के लिए 45 दिन का अवकाश देने के निर्देश उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक को दिए हैं।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में उत्तरकाशी में स्थानीय अभिसूचना इकाई में बतौर हेड कांस्टेबल कार्यरत महिला कर्मी की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें महिला पुलिस कर्मी की ओर से कहा गया है कि वह अपनी 5 वर्षीय बेटी का पालन-पोषण एकल अभिभावक के रूप में कर रही है। उनकी बेटी अपनी 70 वर्षीय नानी के साथ रहती है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि बीती 21 फरवरी को उन्होंने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन किया था। आवेदन में बताया कि उनकी बेटी मनोवैज्ञानिक समस्या से पीड़ति है। इस समस्या से निपटने के लिए बच्ची को अपनी मां के साथ रहने की जरूरत है। याचिका में कहा गया है कि एसपी उत्तरकाशी ने आवेदन को आगामी संसदीय चुनाव के आधार पर मंजूरी नहीं दी।
कोर्ट ने कहा कि वह इस तथ्य से अवगत है कि सीसीएल कर्मचारी का अधिकार नहीं है, बल्कि सरकारी कर्मचारी के नियुक्ति प्राधिकारी के विवेक और निस्तारण के अधीन है। याचिकाकर्ता की बेटी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए इस न्यायालय की राय है कि याचिकाकर्ता अपनी बेटी की देखभाल के लिए 45 दिनों की सीसीएल की हकदार है। कोर्ट ने एसपी को निर्देश दिया है कि महिला हेड कांस्टेबल को तीन दिन के अंदर यह अवकाश दिया जाए।

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