ला नीना प्रभाव से इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड

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हल्द्वानी। अनीता रावत
देरी से विदा हुए मानसून और ‘ला नीना’ असर के कारण मौसम विभाग ने कड़ाके की ठंड की संभावना जताई गई है। इसका असर दिखना शुरू हो गया है। दीपावली की रात इस साल की सबसे सर्द रात के रूप में रिकॉर्ड की गई है। तराई से लेकर पहाड़ तक न्यूनतम तापमान में सामान्य से दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है।
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया है कि नवंबर पहले सप्ताह में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री नीचे चला गया है। दीपावली की रात तराई का अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। यह सामान्य से दो डिग्री कम है। डॉ. आरके सिंह ने बताया है कि भारतीय मौसम विभाग ने इस साल कड़ाके की ठंड की संभावना व्यक्त की है। देश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 03 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। डॉ. आरके सिंह ने बताया है कि समु्द्र का पानी ठंडा होने की प्रक्रिया को ला-नीना और गर्म होने की प्रक्रिया को अल-नीनो कहते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल प्रशांत क्षेत्र में ला-नीना तेजी से उभर रहा है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होना शुरू हो जाता है। इसका सीधा असर हवाओं पर पड़ता है। ला-नीना असर के कारण मौसम विभाग ने उत्तर भारत के साथ ही उत्तर पूर्व एशिया में कड़ाके की ठंड की चेतावनी जारी की है। दीपावली की रात तराई से लेकर पहाड़ तक ठिठुरन बढ़ गई। मौसम विभाग की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, मुक्तेश्वर में दीपावली की रात न्यूनतम तापमान 5.6 रिकॉर्ड किया गया। जबकि टिहरी में तापमान 7.4 डिग्री तक पहुंच गया। तराई में औसत पारा 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देहरादून में 11 डिग्री सेल्सियस, अल्मोड़ा में 7 डिग्री सेल्सियस तक न्यूनतम तापमान पहुंचा।

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