मानवता के लिए जरूरी है बुद्ध का संदेश: पीएम

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लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
पीएम नरेंद्र मोदी ने पर्यटन स्थली कुशीनगर में कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश संपूर्ण विश्व और अमरत्व संपूर्ण मानवता के लिए जरूरी है। बुद्ध के बुद्धत्व ने संपूर्ण विश्व को मानवता व करुणा का संदेश दिया है। यह संदेश विश्व के कल्याण में उपयोगी है। कुशीनगर की धरती ने बौद्ध देशों को एक सूत्र में पिरोया है। वैश्विक परिवेश में सदियों पूर्व दिया गया करुणा, मैत्री, शांति, अहिंसा व सत्य का उनका संदेश मानव जीवन के लिए मौजूदा समय में बहुत ही प्रासंगिक हैं। बुद्ध का अवतरण व वर्षावास और चीवरदान मनुष्य को प्रकृति से जोड़ती है। वैश्विक महामारी में मनुष्य को बचाने में प्रकृति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मंदिर परिसर में तीन दिवसीय बौद्ध महासम्मेलन का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका से पहली इंटरनेशनल फ्लाइट के कुशीनगर आने से भारत-श्रीलंका के प्राचीन काल से चले आ रहे सांस्कृतिक, धार्मिक सम्बंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी। इतना ही नहीं पूरे विश्व को बुद्ध के संदेश से ऊर्जा मिलेगी। श्रीलंका से आए धातु अवशेष के अस्थि कलश का दर्शन करना सौभाग्य की बात है। बुद्ध का संदेश जीवंत है। उनका संदेश अपनाने से भविष्य का मार्ग अपने आप दिखने लगता है। जहां-जहां बुद्ध का संदेश पहुंचा है, वहां विकास व शांति तेज गति से हुई है। बुद्ध का प्रभाव भारत में ही नहीं पूरे विश्व में है। बुद्ध दिशाओं और सीमाओं से परे हैं। ‘अप्प दीपो भव’ से व्यक्ति स्वयं प्रकाशित होता है। उससे व्यक्ति के संस्कार भी प्रकाशित होते हैं। पीएम ने कहा कि यह अलौकिक संयोग है कि वर्षावास के समापन पर बौद्ध सम्मेलन में हिस्सा लेकर अस्थिकलश के साथ चीवर दान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिये बौद्ध अनुयायियों को कुशीनगर आने की यात्रा आसान होगी। श्रीलंका में बौद्ध धर्म का संदेश देने के लिए सबसे पहले सम्राट अशोक के पुत्र महेद्र व संघमित्रा पहुंच कर बौद्ध धर्म के बारे में जानकारी दी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन श्रीलंका ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया था। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महेंद्र राजपक्षे के बेटे व खेल मंत्री नामल राजपक्षे ने कहा कि बौद्ध धर्म ने दुनिया को एक सूत्र में पिरोया है। आज विश्व को संदेश है कि कुशीनगर आने में कोई समस्या नहीं है। एयरपोर्ट के जरिए वर्षों की इच्छा पूरी हुई है। इससे कुशीनगर व श्रीलंका संपूर्ण विश्व से जुड़ सका है। केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने स्वागत भाषण किया। कानून व न्याय मंत्री किरण रिजिजू, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया। इस दौरान राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिराज सिंधिया, राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, अर्जुन राम मेघवाल, अजय भट्ट, श्रीपद वेस्सो नाइक, राज्यमंत्री भिक्षु शांतिमित्र आदि उपस्थित रहे। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अश्विन पूर्णिमा पर कुशीनगर में बुधवार को अभिधम्म दिवस पर श्रीलंका से लाए गए पवित्र बुद्ध अवशेषों (हड्डी के टुकड़े, राख, बुद्ध के गहनों के टुकड़े) की पूजा की गई। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान, कंबोडिया के प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षुओं और विभिन्न देशों के राजदूतों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन पवित्र अवशेषों की पूजा की और महापरिनिर्वाण मंदिर में गौतम बुद्ध की लेटी हुई प्रतिमा पर फूल और सीवार चढ़ाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में श्रीलंका और अन्य देशों से आए भिक्षुओं को सीवार दाना यानी भिक्षुओं के पहनने का वस्त्र भी दान किया। तीन महीने की लंबी वर्षावास अवधि को बारिश के मौसम में विहार में वास करने वाले भिक्षु और संन्यासिनें आश्रय के रूप में मनाती हैं। यह संघ के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने का समय है। बौद्ध मंदिरों में दान लेकर आते हैं, जो विशेष रूप से भिक्षुओं और संन्यासिनों के लिए नए वस्त्रों के रूप में होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कोलंबो स्थित महाबोधि सोसाइटी श्रीलंका मंदिर, 2015 में बौद्धगया स्थित पवित्र महाबोधि मंदिर और विभिन्न देशों के वरिष्ठ भिक्षुओं को एवं 2018 में नई दिल्ली में वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस पर वरिष्ठ भिक्षुओं और संन्यासिनों को सीवार और संघदान किए थे।

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