भवन विराजे रघुनंदन

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अयोध्या। अर्पणा पांडेय

संजीवनी योग में मंत्रोच्चार के बीच श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को संपन्न हुआ। मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित ने संकल्प दिलाया। सबसे पहले वैदिक रीति के अनुसार पीएम मोदी ने ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः। मंत्र से शुद्धि की। इसके बाद आसन की शुद्धि हुई। इसके बाद भगवान राम का षो‌डशोपचार पूजन हुआ। फिर चांदी के कमल से विग्रह का अर्चन किया गया। मुख्य आचार्य और आचार्य सुनील दीक्षित ने मंत्र पढ़े और सहायक पुरोहित गजानन ज्योतकर ने प्रधानमंत्री मोदी से विधि को संपन्न कराया। मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित ने पीएम मोदी को मौली बांधी। इसके बाद पीएम ने राम के विग्रह को दंडवत प्रणाम किया।

पीएम मोदी ने मुख्य आचार्य समेत संरक्षक विश्वेश्वर द्रविड़ और गणेश्वर द्रविड़ से आशीर्वाद लिया। पीएम ने मुख्य आचार्य समेत अन्य पुरोहितों को स्वर्ण दक्षिणा भेंट की। महंत नृत्य गोपाल दास ने भी पीएम मोदी को स्वर्ण मुद्रिका भेंट की। पीएम मोदी ने आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संजीवनी योग में मंत्रोच्चार के बीच श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद मंच पर आते ही कहा कि हमारे राम आ गए। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं दिव्य मंदिर में रहेंगे। यह क्षण अलौकिक है। यह कैलेंडर की तारीख नहीं बल्कि नए कालचक्र का उद्गम है। हमारी चेतना का विस्तार राम से राष्ट्र तक होना चाहिए। अब देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार करना है। मंदिर परिसर में विशिष्टजनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदियों के धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग व तपस्या के बाद प्रभु राम आ गए हैं।

इस शुभ घड़ी की समस्त देशवासियों बहुत बधाई। उन्होंने कहा कि मैं अभी गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने आया हूं। कितना कुछ कहने को है लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है। चित अभी भी उसी पल में लीन है। मेरा विश्वास व श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश व विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। यह क्षण अलौकिक है। यह पल पवित्रतम है। यह माहौल यह वातावरण यह ऊर्जा यह घड़ी प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है। 22 जनवरी 2024 का यह सूर्य एक अद्भूत आभा लेकर आया है।

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