अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की या हुई हत्या

उत्तरप्रदेश लाइव मुख्य समाचार लखनऊ

लखनऊ। टीएलआई
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बाघम्बरी मठ में मौत हो गई। पुलिस मौत को आत्महत्या मान रही है जबकि उनके शिष्य इसे हत्या बता रहे हैं। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें वसीयत भी है और कुछ शिष्यों के नाम भी। हालांकि पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। वहीं नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार में पुलिस ने निगरानी में रखा है। हरिद्वार पुलिस का कहना है कि आनंद गिरि से पूछताछ करने के लिए यूपी पुलिस आ रही है। वहीं नरेंद्र गिरि के देहावसान पर पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह आदि ने दुख व्यक्त किया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार शाम लगभग साढ़े चार बजे अल्लापुर बाघम्बरी मठ में संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि ने मठ के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या की। महंत नरेंद्र गिरि पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे। महंत की मौत की सूचना उनके शिष्यों ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। सोमवार शाम लगभग साढ़े चार बजे पुलिस की टीम के मठ में पहुंचते ही हड़कंप मच गया। पुलिस टीम ने बाघम्बरी मठ का गेट बंद कर दिया। फिर आईजी, डीएम और डीआईजी पहुंच गए। देरशाम तक मठ का गेट नहीं खोला गया। आईजी रेंज केपी सिंह ने बताया कि मठ के गेस्ट हाउस में महंत नरेंद्र गिरि का शव जमीन पर पड़ा था। आईजी ने बताया कि सुसाइड नोट मौके पर मिला है। इसकी जांच की जा रही है। सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि ने वसीयतनामे के तौर पर लिखा है कि उनके बाद गद्दी किसे सौंपी जाएगी। सुसाइड नोट में महंत आनंद गिरि का भी जिक्र है। आईजी ने कहा कि फिलहाल बिना जांच इस पर अधिक टिप्पणी नहीं की जा सकती है। आईजी केपी सिंह ने बताया कि नरेंद्र गिरि का शव जिस कमरे में मिला है, उसमें आठ पेज का सुसाइड नोट मिला है। जो हस्तलिखित है। इसे बहुत विस्तार से लिखा गया है। सुसाइड नोट पढ़ने से प्रथमदृष्ट्या ऐसा लग रहा है कि वह बहुत दुखी थे। बकौल आईजी उन्होंने लिखा है कि मैं इतने सम्मान के साथ रहा हूं, मेरा कोई अपमान करेगा तो मैं बर्दास्त नहीं करूंगा। आईजी ने स्पष्ट किया है कि सुसाइट नोट में उनके शिष्य आनंद गिरि का भी जिक्र है लेकिन उनका जिक्र किन संदर्भों में है, इस बारे में अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा। आईजी का कहना है कि सुसाइट नोट वसीयत की तरह लिखा गया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनके रहने के बाद मठ और मठ की संपत्तियों का क्या होगा। मठ के उत्तराधिकारी के बारे में भी उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है। आईजी ने कहा कि अभी सुसाइड नोट की फोरेंसिक और हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी इसलिए अभी इस बारे में बहुत कुछ बोलना उचित नहीं होगा। जांच के बाद सारी बात सामने आ जाएगी।

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