भाजपा के लिए 370 सीटों का आंकड़ा नहीं, डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि होगी : मोदी

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के हर कार्यकर्ता का आह्वान किया है कि वह लोकसभा की 370 सीटों के लिए कृत संकल्पित रहे। उन्होंने शनिवार को साफ किया कि 370 महज एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि जनसंघ (भाजपा की पूर्ववर्ती पार्टी) के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से हर बूथ पर 370 से ज्यादा वोट हासिल करने को भी कहा।
डॉ. मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाने के लिए अपना बलिदान दिया था। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में इसे हटाया था। इसके बाद यह पहला आम चुनाव होगा। शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले भारत मंडपम में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में मार्गदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को 370 से अधिक सीटें जिताने के लक्ष्य को एक आंकड़ा नहीं, बल्कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि समझ कर प्राप्त करें। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि हर बूथ पर भाजपा के 370 वोट बढ़ाएं। पदाधिकारियों की बैठक की जानकारी देते हुए भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले सौ दिन तक जी-जान से जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को केंद्र या राज्य की सरकारों की योजनाओं का लाभ मिला है, उनसे 100 दिनों में संपर्क करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर बूथ पर भाजपा के कार्यकर्ता अगले 100 दिन तक पिछली बार प्राप्त वोटों में कम से कम 370 वोटों की वृद्धि करें। उन्होंने कहा कि जो प्रथम बार के वोटर हैं, उन्हें पूरी ताकत से भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करें। महिलाओं को मात्र वोटर नहीं समझें बल्कि माताओं-बहनों का आशीर्वाद प्राप्त करें। पहली बार मतदान के पात्र युवाओं को पार्टी के कार्यकर्ता 2014 से पहले के भारत और 2014 के बाद के भारत का फर्क बताएं।प्रधानमंत्री ने बैठक में भाजपा के उम्मीदवारों को लेकर भी घोषणा की और कहा कि उम्मीदवार भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का फूल होगा। प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि विपक्ष अगले चुनाव में तू-तू, मैं-मैं की राजनीति करेगा, लेकिन भाजपा को विकास और गरीब कल्याण के मुद्दे पर आगे बढ़ना है। तावड़े ने कहा कि केंद्र में 10 साल के शासन के साथ ही स्वयं मोदी के संवैधानिक शासनाध्यक्ष के रूप में 23 साल पूरे हो गए हैं। पूरे कालखंड में उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। यह बात जनता तक पहुंचानी है। प्रधानमंत्री और उसके पहले मुख्यमंत्री के रूप में मोदी का कार्यकाल भ्रष्टाचार मुक्त व विकास युक्त रहा।

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