चीन ने एक बार फिर आतंकी मसूद अजहर को यूएन में बचाया

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अर्पणा पांडेय

चीन ने एक बार फिर भारत के प्रयासों को झटका देते हुए पीठ में छुरा भोंकने का काम किया है। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड आतंकी मसूद अजहर को यूएन में बचाने के लिए उसने वीटो का इस्तेमाल किया। यह तब है जब अमेरिका भी मसूद अजहर के खिलाफ वोट करने के लिए चीन से कहा था। चीन ने ही पहले भी तीन प्रस्तावों पर भारत की कोशिश में अड़ंगा डाल चुका है।

मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिश को एक और झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा सेंक्शन्स कमेटी के तहत आतंकी अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था। बुधवार को चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल करते हुए तकनीकी रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि अल कायदा सेंक्शन्स कमेटी के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 दिनों का वक्त था। अनापत्ति की अविध बुधवार को (न्यूयॉर्क के) स्थानीय समय दोपहर तीन बजे खत्म होनी थी। अंतिम समय मे चीन ने इसपर आपत्ति लगा दी। बात दें कि बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था। वहीं नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम चीन के इस कदम से निराश हैं। लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए। मंत्रालय ने कहा कि हम उन देशों के आभारी हैं जिन्होंने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की कवायद में हमारा समर्थन किया है। गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश के फिदायीन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था जिसमें 44 जवानों की मौत हो गई थी। इस हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था।

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