कोरोना की उत्पत्ति का रहस्य बरकरार

अंतरराष्ट्रीय

वाशिंगटन।
सार्स-कोव-2 वायरस लैब से दुर्घटनावश लीक हुआ या फिर जानवरों से इंसानों में फैला? अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को सौंपी रिपोर्ट में देश की खुफिया एजेंसियां इस सवाल को लेकर किसी निष्कर्म पर नहीं पहुंच सकी हैं।
‘वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक बाइडन ने मई में खुफिया एजेंसियों को कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़ी जांच रिपोर्ट 90 दिनों में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। हालांकि, खुफिया एजेंसियां इस संबंध में आमराय कायम करने में नाकाम रही हैं। दो एजेंसियों का मानना है कि कोरोना वायरस जानवरों के जरिये इंसानों में फैला होगा। वहीं, एक अन्य एजेंसी की नजरों में वायरस के लैब से लीक होने की आशंका ज्यादा प्रबल थी।
अमेरिका सहित विभिन्न देश कोरोना के मानव-निर्मित होने का दावा करते आ रहे हैं। उन्होंने सार्स-कोव-2 वायरस के वुहान की विषाणु विज्ञान लैब से लीक होने के आरोप भी लगाए हैं। हालांकि, चीन सभी आरोपों को खारिज करता आया है। इससे पहले, चीन का दौरा करने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दल ने वायरस के लैब से लीक होने की आशंका न के बराबर बताई थी। उसने कहा था कि कोरोना संभवत: जानवरों के रास्ते इंसानों में फैला होगा। हालांकि, बाद में डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा था कि वायरस के लैब से लीक होने की अटकलों को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। इसकी उत्पत्ति को समझने के लिए अतिरिक्त जांच की जरूरत है।

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