अफगानिस्तान और तालिबान शासकों को अलग करना समाधान नहीं : कतर

अंतरराष्ट्रीय

दुबई।
कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान और उसके नए तालिबान शासकों को अलग-थलग करना कभी समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ साझेदारी से कमजोर आवाजों को ताकत दी जा सकती है। विदेश मंत्री ने कतर में हो रहीं कूटनीतिक वार्ताओं के बीच यह बात कही।
अल थानी ने दोहा में आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञों से कहा कि कतर का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को केवल तालिबान के ‘नकारात्मक कदमों’ के लिए उन्हें दंडित करने की बात करने के बजाय उनसे सही कदम उठाने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे प्रगति और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही इससे कमजोर आवाजों को उनकी सरकार में और अधिक प्रभावशाली बनने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने में मदद मिलेगी। वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को कहा कि वाशिंगटन ने इस सप्ताह तालिबान के साथ बातचीत में स्पष्ट कर दिया है कि इस संगठन को आतंकवाद से लड़ने एवं मानवाधिकारों को बचाने से संबंधित मुद्दों पर उसकी कार्रवाई से परखा जाएगा। अमेरिका 10 यूरोपीय देशों और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने इस सप्ताह कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के नेताओं के साथ आमने-सामने बैठकर बातचीत की, जो तालिबान के शासन पर काबिज होने के बाद से इस तरह की पहली बैठक है।
गौरतलब है कि तालिबान ने अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा करने से पहले सालों तक कतर में अपना एक राजनीतिक कार्यालय संचालित किया। दुनिया की नजरें इस बात पर हैं कि दो दशक की चरमपंथी गतिविधियों और शासन पाने के लिए जंग के बाद काबुल पर नियंत्रण पाने तक तालिबान में किस तरह का बदलाव हुआ है।

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