रोजगार रिपोर्ट कार्ड पर कांग्रेस -भाजपा में घमासान

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नई दिल्ली | नीलू सिंह
हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा करने वाली सरकार का रिपोर्ट कार्ड राष्ट्रीय त्रासदी के रूप में सामने आया है। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रकाशित खबर का हवाला देकर यह बात कही । उन्होंने ट्विटर पर हैशटैग ‘हाउ इज द जॉब्स के साथ साथ एक खबर साझा की है। उधर भाजपा ने भीराहुल पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मुद्दे को मामूली समझा है।कांग्रेस अध्यक्ष पर फर्जी खबरें फैलाने का भी आरोप लगते हुए भाजपा ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें मुद्दों की मामूली समझ है। ईपीएफओ का वास्तविक आंकड़ा रोजगार में बहुत अधिक वृद्धि दर्शा रहा है। यह महज पिछले 15 महीनों में पैदा हुए रोजगार हैं।

नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस’ (एनएसएसओ) पर आधारित एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नौकरी नहीं है। नेता ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था। उनकी लीक रिपोर्ट कार्ड राष्ट्रीय त्रासदी के रूप में सामने आया है। उन्होंने दावा किया,बेरोजगारी की दर 45 वर्षों की सबसे उच्चतम स्तर पर है। 2017-18 में 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार थे। भाजपा सरकार के जाने का समय आ गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हैशटैग ‘हाउ इज द जॉब्स के साथ साथ एक खबर साझा की है, जिसके मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही, जो पिछले 45 वर्षों के दौरान उच्चतम स्तर है। खबर में दावा किया गया है कि आंकड़े नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के हवाले से है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी रोजगार आंकड़ों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एनएसएसओ के कथित आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा होने से जुड़े आंकड़े सरकार छिपा रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था। लेकिन उसने नौकरियां खत्म करने का रिकॉर्ड बना दिया। देश को नहीं चाहिए, युवाओं के भविष्य से खेलने वाली ऐसी भाजपा सरकार। उधर माकपा ने भी चार दशक में बेरोजगारी दर सबसे अधिक होने का हवाला देते हुए तत्काल आंकड़े जारी करने की मांग की। पार्टी पोलित ब्यूरो ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि एनएसएसओ की रिपोर्टों को जारी करने वाले राष्ट्रीय सांख्यकीय आयोग के दो सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बेरोजगारी से संबंधित आंकड़ों को भाजपा सरकार ने प्रकाशित होने से रोक दिया है।

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