उत्तराखंड में नेपाल सीमा पर गायब पिलरों के चलते सड़क का निर्माण रुका

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हल्द्वानी। अनीता रावत

अंतरराष्ट्रीय सीमा से नेपाल के हाईवे को लिंक हो रही आंतरिक सड़क का काम ब्रह्मदेव में विवादित गायब पिलरों के कारण रुक गया है। अब सर्वे ऑफ इंडिया और सर्वे ऑफ नेपाल की ओर से सर्वेक्षण के बाद ही इस पर आगे की कार्यवाही हो पाएगी। दोनों देशों के अधिकारियों ने आपस में बातचीत के बाद सड़क निर्माण को ब्रह्मदेव में रोक दिया है। यहां एसएसबी प्रत्येक मूवमेंट पर नजर बनाए हुए है।
जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण में बाधा बने विवादित पिलर संख्या 811 करीब तीन दशक से गायब है। दोनों देशों के बीच इसे लेकर कई बार विवाद खड़ा हुआ है। नेपाली पिलर 811 को शारदा नदी के बीचों-बीच तो भारत ब्रह्मदेव चौकी के आसपास बताता है। वहीं पिलर संख्या 810/2 पिछले कई समय से लकड़ी के खूंटे से दो देशों की सीमा तय कर रहा है। अब इन दोनों विवादों का हल दोनों देशों की सर्वे टीमों को निकालना है। बताया जा रहा है कि नेपाल के दार्चुला से खल्ला, मसेटी, परीगांव, तातापानी और सादनी होते हुए कंचनपुर जिले तक हाईवे का निर्माण कर रहा है। उधर, दार्चुला से टिंकर बॉर्डर तक सड़क का सर्वे भी नेपाल आर्मी के सहयोग से कुछ माह पूर्व ही पूर्ण हो चुका है। यह हाईवे ब्रह्मदेव के वन समिति से करीब 2.5 किमी के दायरे में बड़ी चट्टान के कारण रुका हुआ है। जबकि इससे आगे कंचनपुर तक हाईवे तैयार हो गया है। इस हाइवे को आंतरिक मार्ग से लिंक के लिए खल्ला गांव के करीब से एक सड़क ब्रह्मदेव और मटेना गांव से होते हुए बनाई जा रही है जो कंचनपुर में हाईवे से लिंक होगी, लेकिन इस आंतरिक सड़क का कार्य ब्रह्मदेव में नोमैंस लैंड के करीब विवादित गायब पिलरों के कारण रुक गया है। करीब तीन दशक से भारत-नेपाल सीमा पर गायब चल रहे पिलर संख्या 811 और 810/2 के समानांतर ही नेपाल ने आंतरिक सड़क का सर्वे किया था जो यू-टर्न होकर आगे बढ़नी थी, लेकिन भारतीय प्रशासन और एसएसबी ने इस विवादित जगह पर नेपाल के सड़क निर्माण में रोक लगा दी है। अब सर्वे ऑफ इंडिया के क्लीयरेंस के बाद ही बाकी एक किमी सड़क निर्माण पर फैसला होगा।

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