म्यांमार मुद्दे पर भारत का बहुत कुछ दांव पर : तिरुमूर्ति

अंतरराष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत एक मात्र देश है, जिसकी लंबी सीमा बांग्लादेश व म्यांमार से लगती है और म्यांमार के रखिन प्रांत से विस्थापित लोगों की स्वदेश वापसी के मुद्दे के समाधान पर उसका बहुत कुछ दांव पर है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा उच्च स्तरीय इतर कार्यक्रम ‘रोहिंग्या संकट: सतत समाधान अनिवार्य’ में कहा कि भारत, बांग्लादेश की अपने क्षेत्र में करीब 10 लाख विस्थापितों की मेजबानी करने के लिए सराहना करता है। इसके साथ ही उन्होंने चिंता जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय रखिन राज्य से विस्थापित लोगों की वापसी के समाधान के लिए तेजी से कदम उठाने में असमर्थ रहा। तिरुमूर्ति ने कहा, यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम बांग्लादेश पर पड़ने वाले मानवीय बोझ को स्वीकार करें और समझे जो लगातार सह रहा है और उन कोशिशों का समर्थन करें, जो वह विस्थापितों की बेहतरी के लिए कर रहा है। उन्होंने कहा, यह चिंता का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे को सुलझाने में तेजी से और सतत तरीके से मदद करने में असमर्थ रहा है। भारतीय राजदूत ने इसके साथ ही कहा कि सार्थक परिणाम के लिए सहयोग और आपसी सहमति का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।
तिरुमूर्ति ने जोर दिया कि हितधारकों के सामने इस मानवीय मुद्दे पर आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि इनका समाधान सृजनात्मक और स्थायी तरीके से हो सके। उन्होंने कहा, इसलिए हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हैं कि वह वित्तीय एवं अन्य तरीकों से बांग्लादेश सरकार का सहयोग करने के लिए आगे आएं और विस्थापितों की सुरक्षा, खासतौर पर उनमें से सबसे असुरक्षित की, स्थानीय समुदाय की चिंताओं, शिविरों में चरमपंथी बनने के खतरे को रोकने और अन्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मदद मुहैया कराएं।

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