गिरिराज की नाराजगी नहीं हुई दूर

गया पटना बिहार लाइव राज्य समाचार सासाराम

पटना.

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की नाराजगी दूर नहीं हो रही है। सीट बदले जाने से नाराज गिरिराज ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है। हालांकि उन्होंने सार्वजनिक रुप से इसकी घोषणा नहीं की है। सोमवार को गिरिराज अपनी बात केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष रखने के लिए दिल्ली रवाना हो गए। वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। उधर, भाजपा के ही विधानपार्षद रजनीश कुमार ने उन्हें नाटक बंद करने की नसीहत दी है। रविवार को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि गिरराज सिंह को अपनी माया समेटकर नाटक बंद कर देना चाहिए और बेगूसराय से आकर चुनाव लड़ने की तैयारी करनी चाहिए। गिरिराज सिंह ने पार्टी एमएलसी के ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गिरिराज सिंह का नाराजगी की खबर आने के बाद पार्टी के वरीय नेता उन्हें मनाने में जुट गए हैं। गिरिराज प्रदेश के कई नेताओं से भी नाराज बताए जाते हैं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि उन्हें सीट बदले जाने की जानकारी पहले नहीं दी गई। उन्हें यह जानकारी ही नहीं मिली कि नवादा सीट लोजपा को दिया जा रहा है। रविवार की सुबह से ही केन्द्रीय मंत्री के आवास पर लोगों के आने का सिलसिला शुरु हो गया। यह दिनभर चला। दोपहर तक तो उनके घर के पास लोगों का बड़ा जमावड़ा लग गया। बड़ी संख्या में नवादा के लोग भी उनसे मिलने पहुंचे। इसी बीच अचानक वे दोपहर में दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में वे पार्टी के वरीय नेताओं से मुलाकात करेंगे और उन्हें अपनी पीड़ा से अवगत कराएंगे। एनडीए की सीटों का ऐलान होने के बाद रविवार देर शाम से ही उनके नाराज होने की खबरें आने लगी। हालांकि नाराजगी की खबर के बाद उन्होंने मीडिया से भी दूरी बना ली। किसी से कुछ नहीं कहा। जो भी बात किया, अनौपचारिक और ऑफ द रिकार्ड। सीट बदले जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर थी कि किसी केन्द्रीय मंत्री या सांसद की सीट नहीं बदली गई। पर, बगैर किसी कारण के उनकी सीट बदल दी गई। पिछली बार वे बेगूसराय से लड़ना चाहते थे तो उन्हें नवादा भेज दिया गया। अब वे नवादा की जनता की सेवा कर रहे हैं तो यह सीट लोजपा को दे दी गई। दिन में पार्टी के कुछ वरीय नेताओं का फोन भी गिरिराज के पास आया। पर, उन्होंने उनसे भी स्पष्ट कह दिया कि वे दूसरी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। नवादा सीट छोड़ने से बेहतर है कि वे चुनाव ही नहीं लड़ें। इस बीच उनके पास बेगूसराय से भी फोन आया। उन्होंने उनसे बेगूसराय से लड़ने का अनुरोध किया।  

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