श्रीलंका में ईस्टर पर कत्लेआम, 215 लोगों को मौत के घाट उतारा

अंतरराष्ट्रीय

कोलंबो।

श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर दहशतगर्दों ने कत्लेआम को अंजाम दे दिया। इस आतंकी वारदात में 217 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 500 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। मरने वालों में तीन भारतीयों के भी शामिल होने की सूचना है। इस आतंकी वारदात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति से फोन पर बात कर इस आतंकी घटना की भर्त्सना की। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हम घटना पर नजर बनाए हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार श्रीलंका रविवार सुबह छह सिलसिलेवार धमाकों और दो आत्मघाती हमलों से दहल उठा। ईस्टर की प्रार्थना के दौरान कोलंबो के अलावा तटीय शहर नेगेंबो और बट्टिकलोआ में हुए कुल आठ धमाकों में 215 लोगों की मौत हो गई, जबकि 500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। मरने वाले वालों में महिलाएं, बच्चे और 11 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। स्थानीय लोगों के अलावा भारत, पाकिस्तान, अमेरिका, मोरक्को और बांग्लादेश के नागरिक भी घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि धमाके श्रीलंका सुबह 8.45 पर हुए। एक विस्फोट राजधानी कोलंबो के कोचचिकड़े में स्थित सेंट एंथोनी चर्च में हुआ। दूसरा धमाका नेगोंबो के कटुवापिटीया चर्च में और तीसरा धमाका बट्टीकलाओ चर्च में हुआ है। इसके अलावा राजधानी कोलंबो के पांच सितारा होटल शंगरी-ला होटल, सिनेमन ग्रांड और किंग्सबरी में भी धमाके हुए हैं। सूत्रों के अनुसार तीन चर्च, तीन पांच सितारा होटलों और एक गेस्ट हाउस में हुए इन धमाकों की अब तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक की सुई नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) पर है, जो इस्लामिक स्टेट (आईएस) का मॉड्यूल माना जाता है। पुलिस का कहना है कि गेस्ट हाउस और होटल द सिनामोन ग्रांड में हुआ हमला आत्मघाती था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अगले आदेश तक श्रीलंका में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही सोशल मीडिया को अस्थायी तौर पर बैन कर दिया गया है। इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

2009 में लिट्टे के खात्मे के बाद श्रीलंका में यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं भारत के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में हुए बम धमाकों की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से फोन पर बात की और गहरी संवेदना जताई। पीएम ने कहा कि हमारे क्षेत्र में इस तरह की बर्बरता के लिए कोई स्थान नहीं है। भारत संकट की इस घड़ी में श्रीलंका और वहां के लोगों के साथ खड़ा है। हम श्रीलंका की हर संभव मदद के लिए तैयार हैं। 

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