उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने पंज प्यारे पर टिप्पणी के लिए माफी मांगी

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देहरादून। अनीता रावत

कांग्रेस महासचिव व पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने पार्टी की पंजाब इकाई के नेतृत्व को पंज प्यारे बताने के लिए बुधवार को माफी मांगी। रावत ने अपने फेसबुक पेज पर पंज प्यारे टिप्पणी के लिए अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा, वह अपने राज्य उत्तराखंड में गुरुद्वारे में सफाई कर अपनी इस गलती का प्रायश्चित करेंगे।
रावत ने फेसबुक पेज पर लिखा, कभी-कभी सम्मान जाहिर करने के लिए आप ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर जाते हैं, जिन पर आपत्ति उठ सकती है। मैंने भी अपने माननीय अध्यक्ष एवं चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल कर गलती की है। उन्होंने कहा कि वह इतिहास के छात्र रहे हैं। पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, मुझसे यह गलती हुई है। मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं। उन्होंने कहा कि सिख धर्म व इसकी महान परंपराओं के प्रति उनके मन में हमेशा समर्पण और सम्मान की भावना रही है। मालूम हो कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने रावत की टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी। इसके लिए माफी की मांग की थी।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रहे मनमुटाव के बीच रावत मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे। उन्होंने पंजाब कांग्रेस भवन में बैठक के बाद, राज्य के कांग्रेस प्रमुख एवं चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग किया था। सिख परंपरा में पंज प्यारे संबोधन गुरु के पांच प्यारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह और उनके पांच अनुयायियों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

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