बच्चे को मुर्गे के खून से ‘सुपर किड’ बना रहा चीन

अंतरराष्ट्रीय

बीजिंग।
बच्चे को पढ़ाई से लेकर खेल-कूद तक हर क्षेत्र में पारंगत बनाने के लिए चीनी अभिभावक ‘चिकेन पेरेंटिंग’ पद्धति का सहारा ले रहे। इस पद्धति में बच्चों को मुर्गे के खून का इंजेक्शन लगाया जाता है। ‘सिंगापुर पोस्ट’ में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीनी अभिभावक मुर्गे के खून से लैस स्टेरॉयड को कई स्वास्थ्य समस्याओं का रामबाण इलाज मानते हैं। इनमें गंजेपन और नपुंसकता से लेकर कैंसर तक शामिल है। यही नहीं, चीन में मुर्गे के खून वाले स्टेरॉयड को शारीरिक सक्रियता और बौद्धिक कौशल बढ़ाने में भी असरदार समझा जाता है। अभिभावकों को लगता है कि इनका इंजेक्शन लगवाने से बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद में भी शानदार प्रदर्शन करेंगे। बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझाऊ के मध्यम वर्गीय माता-पिता के बीच ‘चिकन पेरेंटिंग’ खासी लोकप्रिय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *