ब्रेग्जिट समझौते पर ब्रिटिश पीएम थेरेसा की हार

अंतरराष्ट्रीय

लंदन। ब्रेग्जिट डील यानी यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के अलग होने की ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे की योजना को ब्रिटेन की संसद ने नाकार कर दिया है। ब्रिटेन के ईयू से बाहर जाने के समर्थन में 202 सांसद थे जबकि 432 सांसदों ने इसका विरोध किया।
प्रधानमंत्री थेरेसा मे की योजना को मिली इस ऐतिहासिक हार के बाद विपक्षी लेबर पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास मत का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव पर भारतीय समयानुसार बुधवार देर रात बहस होगी। लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा कि संसद ने जिस तरह से प्रधानमंत्री के ब्रेग्जिट डील को खारिज किया है, उससे साफ है कि सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है।
थेरेसा की योजना को हाउस ऑफ कामन्स में 432 सांसदों ने खारिज कर दिया और उन्हें केवल 202 सांसदों का समर्थन मिल सका। यहां तक थेरेसा मे की कंजर्वेटिव पार्टी के 118 सांसदों ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर इस डील के खिलाफ वोट दिया। वहीं विपक्षी लेबर पार्टी के तीन सांसदों ने डील के पक्ष में समर्थन किया। किसी बिल या मसौदे पर ये किसी भी मौजूदा सरकार की 94 साल में सबसे बड़ी हार है। पिछली बार ऐसा 1924 में हुआ था। इस हार के साथ ही ब्रेग्जिट के बाद ईयू के साथ निकट संबंध बनाने की थेरेसा मे की दो वर्षीय रणनीति का भी कोई औचित्य नहीं रहा। वोटिंग के बाद थेरेसा मे ने कहा है कि अगर वो विश्वास मत हासिल कर लेती हैं तो वो सोमवार को एक दूसरे मसौदे को संसद में पेश करेंगी। ब्रेग्जिट डील पर मिली इतनी बड़ी हार के बाद थेरेसा मे के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। अगर अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो ये थेरेसा मे सरकार का अंत होगा। हालांकि कई सांसदों और थेरेसा मे की सरकार को समर्थन देने वाले दलों ने साफ किया है कि उन्होंने इस डील का विरोध किया है, प्रधानमंत्री का नहीं। गौरतलब है कि 1973 में ब्रिटेन 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ का सदस्य बना था और 29 मार्च 2019 को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को अलग होना है। हालांकि ब्रिटेन अभी तक यह निर्णय नहीं ले पाया है कि उसे क्या करना है। बेग्जिट के समर्थक और ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने के समर्थक दोनों विभिन्न कारणों से इस समझौते का विरोध कर रहे है। कई लोगों को आशंका है कि बेग्जिट के कारण ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ व्यापार संबंध बिगड़ सकते हैं।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा कि सांसदों ने यह तो बता दिया कि वे किसके खिलाफ हैं लेकिन यह नहीं बताया कि विरोध क्यों कर रहे हैं। यह साफ है कि सदन ब्रेग्जिट डील का समर्थन नहीं करता लेकिन मतदान से यह पता नहीं चलता कि वह किसका समर्थन करता है। वहीं यूरोपीय संघ अध्यक्ष जीन-क्लाउड जंकर मैं ब्रिटेन से अपील करता हूं कि वह जल्द से जल्द अपनी मंशा स्पष्ट करे। समय लगभग पूरा हो गया है। इस मतदान से अव्यवस्थित ब्रेग्जिट का खतरा बढ़ गया है।

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