लोकपाल को लेकर अन्ना हजारे फिर से भूख हड़ताल पर

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नई दिल्ली/ रालेगण सिद्धी| नीलू सिंह
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर बुधवार से भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उन्होंने केंद्र व महाराष्ट्र सरकार पर लोकपाल नियुक्त करने और राज्य में लोकायुक्त कानून बनाने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया।
अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने गांव रालेगण सिद्धी के पद्मावती मंदिर में सुबह पूजा की। इसके बाद उन्होंने छात्रों, युवाओं और किसानों के साथ यादवबाबा मंदिर तक यात्रा निकाली। फिर वहीं नजदीक में भूख हड़ताल पर बैठ गए। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले 81 वर्षीय अन्ना ने कहा कि वह महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के उस फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री के कार्यालय को लोकायुक्त के दायरे में लाने की बात कही गई है। साथ ही स्पष्ट किया कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों जैसे लोकायुक्त कानून बनाने, लोकपाल नियुक्त किए जाने तथा किसानों के मुद्दे सुलझाने को पूरा नहीं कर देती।
महाराष्ट्र के मंत्री, सरकार और अन्ना हजारे के बीच दूत की भूमिका निभा रहे गिरीश महाजन ने मंगलवार को अन्ना से भूख हड़ताल को रद्द करने की अपील की थी। उन्होंने दावा किया था कि अन्ना की लगभग सभी मांगों को पूरा किया जा चुका है। अन्ना ने कहा है कि लोकायुक्त के सच्चाई बनने तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने 28 जनवरी को एक पत्र में कहा था, ‘लोकपाल कानून को पास हुए पांच साल हो चुके हैं। इसके बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकपाल नियुक्त नहीं किया है…लोकायुक्त अधिनियम को महाराष्ट्र में पारित हुए चार साल हो चुके हैं।’ उन्होंने कहा कि पिछले साल दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन के वक्त उन्हें भरोसा दिया गया था कि सभी मांग पूरी होंगी। मगर नौ महीने बीतने के बाद भी स्थिति वैसी ही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ वर्ष 2011-12 में बड़ा जन-आंदोलन खड़ा करते हुए अन्ना हजारे 98 घंटे तक लगातार अनशन पर बैठे थे। 5 अप्रैल, 2011 को उन्होंने भूख हड़ताल शुरू की और 9 अप्रैल को उन्होंने अनशन तोड़ा। इस दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर से आम लोगों का बड़ा हुजूम उमड़ा। अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, श्रीश्री रविशंकर, मेधा पाटकर, स्वामी रामदेव, स्वामी अग्निवेश, प्रशांत भूषण के अलावा कई हस्तियां आंदोलन में शामिल हुईं। हालांकि बाद में केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने और किरण बेदी भाजपा में शामिल हो गईं। वर्तमान में वह पुडुचेरी की राज्यपाल हैं।

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