उत्तराखंड का पहला पामेटम गार्डन हल्द्वानी में तैयार

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हल्द्वानी। अनीता रावत
वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा पामेटम गार्डन तैयार किया गया है। गार्डन में 110 प्रजातियों को संजोया गया है। गार्डन के बनने से जहां पाम पर शोध बढ़ेगा वहीं रोजगार की संभावनाएं भी तलाशी जा सकेंगी।

रविवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर ललित तिवारी ने पामेटम गार्डन का उद्घाटन किया। चार एकड़ में फैले इस गार्डन को तैयार करने में वन अनुसंधान केन्द्र की टीम को करीब 3 साल लगे। पाम ट्री तेल, सुपारी, खजूर, नारियल आदि के लिए मुख्य रूप से जाने जाते हैं। इस गार्डन में लोगों को पाम ट्री की जरूरत और पर्यावरण संरक्षण में योगदान को बताने के लिए कविताओं का सहारा लिया गया है। इसके लिए गार्डन में जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं। वन अनुसंधान केन्द्र हल्द्वानी के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तराखंड का पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा पामेटम गार्डन तैयार किया गया है। यह गार्डन शोध कार्यों के साथ जैव विविधता को समझने में मदद करेगा। इससे रोजगार के नए अवसर भी तलाशे जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि पाम गार्डन में उत्तरीय व मध्य अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया आदि देशों की प्रजातियां हैं। यह प्रजातियां यहां सर्वाइव कर सकें इसके लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। पाम गार्डन में केरल और तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों से प्रजातियों को लाकर संरक्षित किया गया है। प्रजातियों में मुख्य रूप से फॉक्सटेल, वाइल्ड सागो, कारपेंटरिया, मैटालिक, चाइनीज, सुपारी, यूरोपियन फैन, टिंगल, खासी, लेडी, जोमिया, नोलिना, टकील, फोस्ट, ब्रोम, सिकटोप, टैनेरा, ,सिंकटोक, जामिया, ग्रीन विचिया, बोतल, कोकोनट, रेडनेक, गोल्डन केन आदि प्रजातियों को जगह दी गई है।

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