मोदी कैबिनेट : अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मिली मंजूरी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष देशी निवेश का दायरा बढाते हुए इसे 100 फीसदी तक करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को जारी रखने के लिए 4100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। सरकार ने गन्ना खरीद की कीमत में आठ फीसदी वृद्धि का ऐलान किया है। गन्ने की कीमत 315 से बढ़ाकर 340 रुपये करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा योजना को 2025-26 की अवधि तक जारी रखने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक अंतरिक्ष मे विदेशी निवेश को लेकर मौजूदा नीति की समीक्षा की गई जो मूलत: अंतरिक्ष संस्थानों एवं आपरेशनो में निवेश तक केंद्रीत है। अब इसका दायरा बढाया गया है। बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि उपग्रहों के निर्माण, डाटा प्रोडक्ट, ग्राउंड सिस्टम में विदेशी निवेश की सीमा 74 फीसदी, लांच व्हीकल के निर्माण में 49 फीसदी तथा कंपोनेंट और सब सिस्टम के निर्माण में 100 फीसदी होगी। इस फैसले से अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढेगी। कंपनियों को ज्यादा निवेश प्राप्त होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे कंपनियां सरकार की मेक इन इंडिया पहल को प्रोत्साहित करते हुए देश के भीतर अपनी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में सक्षम होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने चीनी सीजन 2024-25 के लिए 10.25 फीसदी की चीनी रिकवरी दर पर गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 340 रुपये प्रति क्विंटल रखने को मंजूरी दे दी। यह गन्ने की ऐतिहासिक कीमत है जो चालू सीजन 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग 8 प्रतिशत अधिक है। संशोधित एफआरपी 10 फरवरी से 01 अक्टूबर 2024 तक लागू होगी। इसके अलावा लाइव स्टाक मिशन के तहत अब गधे, खच्चर और ऊंट को भी शामिल किया गया है। फ्लड मैनेजमेंट एंड बॉर्डर मैनेजमेंट प्रोग्राम के लिए 4100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। कैबिनेट बैठक में महिला सुरक्षा योजना को भी एक साल तक बढ़ाया गया है। वहीं केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा योजना को 2025-26 की अवधि तक जारी रखने का फैसला किया। सरकार ने बुधवार को वर्ष 2021-22 में शुरू हुई इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया, जिसकी कुल लागत 1,179.72 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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