राम मंदिर में महापूजा शुरू, आज महल में आएंगे भगवान श्रीराम

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अयोध्या। सैकड़ों सालों की प्रतिक्षा शनिवार को राम मंदिर में शुरू हुई महापूजा के साथ खत्म हो गई। रविवार को भगवान श्रीराम भी मांदिर में पधारेंगे।
अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान शनिवार को भगवान के रजत विग्रह की पालकी यात्रा भी धूमधाम से हर्षोल्लास के वातावरण में निकाली गयी। सबसे पहले यज्ञ मंडप में पूजन के बाद भगवान के उत्सव विग्रह स्वरूप को पालकी में विराजित कर यज्ञ मंडप की चार परिक्रमा कराई गयी। पुनः पालकी का मंदिर की परिधि में चार बार परिभ्रमण कराया गया। वहीं नव्य-दिव्य मंदिर में अर्श से फर्श तक 81 रजत कलशों के पवित्र जल का छिड़काव कर शुद्धीकरण किया गया।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इस क्रिया के बाद प्रासाद (राम मंदिर) का भी अधिवासन शुरू हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा के आचार्य अरुणकांत दीक्षित ने कहा कि मंदिर के हर कण में देवताओं का वास होता है। उन देवताओं की दिव्य शक्ति के जागरण के लिए विग्रह के साथ-साथ भवन के अधिवास का भी विधान है। उधर 22 जनवरी के मुख्य पर्व को लेकर मंदिर के शिखर समेत पूरे परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से सुसज्जित किया गया है। बताया जा रहा है कि रामलला के नव्य-भव्य मंदिर में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के अंतिम चरण में विराजमान रामलला का रविवार की सायं राजाधिराज के रूप में प्रवेश होगा। इसकी तैयारियां चल रही है और दर्शन मार्ग पर लगी बैरीकेडिंग को हटाया जा रहा है। इसके चलते आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन निषिद्ध कर दिया गया है। यह दर्शन 22 जनवरी के बाद शुरू होगा। रविवार सायंकाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विराजमान रामलला को नवीन मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचाएंगे।

आचार्य अरुण कांत दीक्षित ने बताया कि रामलला के अचल विग्रह के साथ रजत विग्रह और विराजमान रामलला का एक साथ रविवार की रात्रि शैय्याधिवास होगा। इसके पहले निर्दिष्ट विधि से पूजन कर शयन आरती के साथ भगवान को विश्राम दिया जाएगा। माली संघ के सुजल व्यास ने बताया कि उनकी पूरी टीम 25 हजार किलो फूल लेकर आई है। इन फूलों से पूरे धाम की सज्जा की जाएगी और तीन दिनों तक लगातार हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जाएगी। बताया गया कि जिला प्रशासन की ओर से पुष्प सज्जा के लिए स्थान नियत किया गया है। विहिप व तीर्थ क्षेत्र के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि गुजरात के माली संघ को राम पथ व भक्ति पथ समेत हनुमानगढ़ी व सरयू नदी के पुल समेत अन्य स्थानों पर साज-सज्जा की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

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