एम्स ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग संगोष्ठी शुरू

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देहरादून। अनीता रावत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में मंगलवार को नर्सिग अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी विधिवत शुरू हो गई। यह उत्तराखंड में नर्सिंग विषय की पहली इंटरनेशनल संगोष्ठी है। इस दौरान देसी व विदेशी फैकल्टी ने पेरिऑपरेटिव नर्सिंग-ऑपरेशन थियेटर में साक्ष्य आधारित देखभाल बढ़ाना विषय पर व्याखानमाला प्रस्तुत की।

एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का बतौर मुख्य अतिथि निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने नर्सिंग को परिभाषित करते हुए चिकित्सा क्षेत्र में इसे स्वायत्त व सहयोगी होना बताया। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशानुसार ऑपरेशन थिएटर में सुरक्षा मानकों का अनुपालन किया जाना जरूरी है। जिससे मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही नर्सेस को विश्व स्तर पर खरा उतरने को प्रेरित किया। उन्होंने ऑपरेशन थिएटर व सर्जिकल टीम में नर्सिंग स्टाफ की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। इंटरनेशनल फैकल्टी किंग कॉलेज हास्पिटल यूके की मैट्रन प्रो.मिनिजा जोसेफ ने ऑपरेशन थिएटर के स्थापित मानकों व सिफारिशों पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने विश्व में कुशल नर्सेज की आवश्यकता बताई, कहा कि यह जरूरत पूरी करने में भारत सक्षम है। अंतरराष्ट्रीय पैरीऑपरेटिव परिषद लंदन की अध्यक्ष मोना जी फिशर ने विश्व परिषद पैरी ऑपरेटिव नर्सेस को भारत में प्रारंभ करने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने एम्स की स्वास्थ्य सेवाओं व नर्सिंग कॉलेज की कार्यप्रणाली को सराहा। लंदन से आए क्लिनिकल कंसलटेंट प्रो.जीन रेड ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने रोगी की सुरक्षा के लिए इसका अनुपालन जरूरी बताया। नेशनल फैकल्टी एम्स जोधपुर के डा.अशोक विश्नोई ने नर्सिंग में सूचना विज्ञान की पर व्याख्यान दिया। एम्स नर्सिंग कॉलेज के डीन डा.सुरेश के.शर्मा ने बताया कि निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत के संस्थान में ज्वाइनिंग के बाद एम्स का विकास तेजी से हुआ है। उन्होंने बताया कि एम्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग पहला संस्थान है जिसने पूरे एशिया महाद्वीप में ऑपरेशन थियेटर नर्सिंग में विशेषज्ञता पाठ्यक्रम को लागू किया।बताया कि नर्सिंग में पूर्व में 60 सीटें थी, जिन्हें गतवर्ष बढ़ाकर 100 कर दिया गया है।जिससे उत्तर भारत को लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य संस्थान में प्रशिक्षित कर कुशल नर्सेस तैयार करना है। जो कि आने वाले समय में देश दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं में सहभागिता निभाएंगे। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो.सुरेखा किशोर, एमएस डा.ब्रह्मप्रकाश, प्रो.मनोज गुप्ता, सब डीन कुमार सतीश रवि, डा.सौरभ वाष्र्णेय, डा.प्रतिमा गुप्ता, प्रो.लतिका मोहन, आयोजन सचिव डा.राकेश शर्मा, मलार कोडी,रुचिका रानी, मनीष शर्मा आदि मौजूद थे।

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