उत्तराखंड सर्विस ट्रिब्यूनल में हिन्दी में पहली दावा याचिका स्वीकार

उत्तराखंड लाइव ऊधम सिंह नगर नैनीताल राज्य समाचार

हल्द्वानी। अनीता रावत

उत्तराखंड में पहली बार सर्विस ट्रिब्यूनल में हिन्दी में पहली दावा याचिका स्वीकार की गई है। माकाक्स अध्यक्ष एवं सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने यह दावा किया है कि ट्रिब्यूनल की नैनीताल पीठ में उनकी तरफ से दायर हिंदी में पहली दावा याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है।
उत्तराखंड गठन के समय से ही हिन्दी राज्य की राजभाषा है। उच्च न्यायालय के अतिरिक्त सभी प्राधिकारियों और न्यायालयों में हिन्दी का प्रयोग सभी कार्य में किए जाने का प्रावधान है, लेकिन, 2001 में गठित उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण में अभी तक हिन्दी का प्रयोग न्यायिक कार्यों में नहीं हो रहा था। काशीपुर की संस्था माकाक्स के अध्यक्ष और सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने बताया कि हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए लोक सेवा अधिकरण अध्यक्ष न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी से अनुरोध किया था। उन्होंने उत्तराखंड में लागू यूपी लोकसेवा अधिकरण (प्रक्रिया) नियमावली- 1992 के नियम 3 और यूपी लोक सेवा अधिकरण पद्धति नियमावली 1997 के नियम 4 की ओर अध्यक्ष का ध्यान भी आकर्षित किया। इसमें अधिकरण की भाषा देवनागरी लिपि में हिन्दी होने और सभी याचिकाओं व प्रार्थना पत्रों में हिंदी प्रयोग का प्रावधान बताया गया। दावा किया कि उनके अनुरोध पर उत्तराखंड सरकार की ओर से विभिन्न केसों में दाखिल किए गए काउंटर एफिडेविट, लिखित कथन हिन्दी में फाइल किए गए और अधिकरण ने इन्हें स्वीकार कर लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *