विश्व में हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में आगे निकलेगा भारत : सिंह

एनसीआर गुडगाँव दिल्ली दिल्ली लाइव नोएडा मुख्य समाचार राजधानी

नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
भारत की हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सबसे आगे निकलने की योजना है। भारत उर्वरक और परिशोधन कार्यों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग की अनुमति देने का भी प्रस्ताव कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति के जलवायु मामलों के विशेष दूत जॉन केरी से बातचीत में बिजली मंत्री आरके सिंह ने यह बात कहीं।
बिजली मंत्रालय के शुक्रवार को बयान कर बताया कि बिजली मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार शाम को टेलीफोन पर केरी के साथ बातचीत में कहा कि भारत ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देने को लेकर अगले 3-4 महीनों में हरित हाइड्रोजन के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियां आयोजित करेगा। भारत 4,000 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर (हाइड्रोजन पैदा करने के लिए) क्षमता के लिए बोली मंगाने पर विचार कर रहा है। केरी ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भारत को बधाई दी। देश में 63 हजार मेगावाट क्षमता निर्माणधीन है, जबकि 25 हजार मेगावाट क्षमता बोलियों के अधीन है। इसको मिलाकर कुल नवीकणीय ऊर्जा क्षमता 1,46,000 मेगावाट पहुंच गई है। बयान में कहा गया है, केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने केरी को हरित हाइड्रोजन में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख देश के रूप में उभरने की भारत की योजना के बारे में जानकारी दी। भारत उर्वरक और परिशोधन क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव कर रहा है। यह धूसर (ग्रे) हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन से बदलने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। सिंह ने अमेरिकी दूत से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यावरण को सबसे अधिक महत्व देते हैं। उन्होंने केरी को सुझाव दिया कि भारत और अमेरीका विद्युत और प्रौद्योगिकी के लिए नवप्रवर्तन के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण की लागत को कम करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *