जलवायु परिवर्तन से निपटने में मार्गदर्शन कर सकता है भारत: पर्यावरण मंत्री

अंतरराष्ट्रीय

ग्लासगो।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां वह जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने में दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है। यादव 26वें अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन सीओपी 26 के लिए ग्लासगो में हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य मिला है और वह प्रधानमंत्री की पहलों और विचारों का विश्व नेताओं पर पड़ने वाले प्रभाव को देखकर अभिभूत हैं।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री द्वारा की गई ‘पंचामृत’ प्रतिबद्धता 2030 तक भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने का प्रयास करती है, यह सुनिश्चित करती है कि देश की 50 फीसदी ऊर्जा आवश्यकताओं को उसी वर्ष अक्षय ऊर्जा स्रोतों से पूरा किया जाएगा, कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी की जाएगी, अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 45 फीसदी से कम करना और अंत में, 2070 तक ‘शुद्ध शून्य’ (नेट जीरो) उत्सर्जन प्राप्त करना। उन्होंने कहा, मुझे ग्लासगो में वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य मिला और मैं विश्व नेताओं पर प्रधानमंत्री की पहल और विचारों के प्रभाव को देखकर भी अभिभूत हूं। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत यह ‘पंचामृत’ नजरिया वैश्विक समुदाय को नए भारत की क्षमताओं से परिचित कराने जा रहा है। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति दुनिया को आगे का रास्ता दिखाने और भारत को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी हितधारक बनाने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देती है। पर्यावरण मंत्री ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराया।

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