…तो दिल्ली यूनिवर्सिटी 27 से बंद हो जाएगी

एनसीआर गुडगाँव दिल्ली दिल्ली लाइव नोएडा राजधानी राष्ट्रीय

नई दिल्ली। नीलू सिंह
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा हंसराज कॉलेज सभागार में आयोजित आम सभा में दोपहर में शिक्षक अपने मुद्दों को लेकर शुक्रवार को एकत्रित हुये। प्रतिनिधियों ने आम सभा कर शिक्षा जगत मे आ रही चुनौतियों पर चर्चा की और इसके खिलाफ खड़ा होने का आह्वान किया।
रोस्टर, नियुक्ति, पेंशन, पदोन्नति, शिक्षा के निजीकरण सहित तमाम मुद्दों को लेकर यहां पर शिक्षकों ने प्रस्ताव पास किया। जिसमें एक स्वर में इसके लिये आयोजित विरोध प्रदर्शन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की बात कही। शिक्षकों ने एक स्वर में केंद्र सरकार की शिक्षानीति की आलोचना की।
इस आम सभा में जो प्रस्ताव पारित हुआ उसमें मुख्य बात 27 फरवरी से 1 मार्च तक डीयू में हड़ताल के दौरान डीयू बंद करने का आह्वान किया है। इसके बाद एक मार्च आयोजित आम सभा में यह तय होगा कि आगे भी डीयू बंद रहेगा या शिक्षक पढ़ाई में सहयोग करेंगे।
डूटा अध्यक्ष राजीब रे का कहना है कि 13 प्वाइंट रोस्टर के खिलाफ हम सरकार से अध्यादेश लाकर इसे वापस लेने की मांग करते आ रहे हैं। सभी शिक्षक सरकार से 200 प्वाइंट रोस्टर फिर से लाने की मांग कर रहे हैं। आम सभा में शिक्षकों ने एक स्वर में शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि आने वाले समय में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। प्रस्ताव में 19 मार्च को मंडी हाउस से जंतर मंतर पर शिक्षा अधिकार मार्च शुरू करने तथा उसके बाद के लिये भी एक्शन प्लान बनाया। इसमें देश भर के संगठन शामिल होंगे और सरकार के समक्ष अपनी बात रखने के लिये मार्च करेंगे।
डीयू के शिक्षक 25 फरवरी को आर्ट फैकल्टी के बाहर मानव श्रृंखला बनाकर व सभा कर अपनी बात रखेंगे। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में छात्रों की भागीदारी हो इसके लिये भी शिक्षक प्रयास कर रहे हैं।
डीयू के शिक्षक संगठन ने एक स्वर में कुलपति को हटाने की भी मांग की। शिक्षकों का कहना है कि कुलपति की कार्यप्रणाली स्वीकार्य नहीं है। इसके अलावा डूटा सरकार की शिक्षा नीति के खिलाफ एक श्वेत पत्र लाने की बात कही है। श्वेतपत्र को लेकर डूटा कॉलेजों के स्टाफ एसोसिएशन से भी इस बाबत राय लेगा। ज्ञात हो कि डीयू के पूर्व प्रो.दिनेश सिंह के खिलाफ भी डूटा श्वेत पत्र ला चुका है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षक संगठन ने सभी शिक्षकों से पुलवामा में शहीद हुये सैनिकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की अपील की है। यही नहीं शिक्षकों ने इस अवसर पर शोक भी जताया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *