नई दिल्ली, राजेंद्र तिवारी। राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघालय पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक दो आरोपियों ने राजा को कसकर पकड़ा और विशाल ने उसपर धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। राजा के जमीन पर गिरने के बाद तीनों उसपर टूट पड़े। बाद में उसे खाई में फेंक दिया। दावा है कि राजा रघुवंशी की हत्या सोनम के सामने ही हुई थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला काफी पेचीदा था। इसलिए हमने मामले की जांच को ‘ऑपरेशन हनीमून’ नाम दिया था। उन्होंने कहा कि राजा रघुवंशी की शादी के तुरंत बाद ही उसकी हत्या की साजिश रची गई थी। योजना के तहत राजा रघुवंशी और सोनम शिलांग पहुंचे थे और इसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। राजा की हत्या के बाद सभी आरोपी वहां से फरार हो गए। वहीं, सोनम इंदौर पहुंची, जहां उसने राज कुशवाहा से संपर्क किया। बाद में वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर आ गई। सोनम ने हनीमून के दौरान कोई भी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं की थी, लेकिन मौका-ए-वारदात पर मिले आरोपी आकाश के जैकेट ने जांच की राह आसान बना दी। इस जैकेट पर खून के धब्बे भी मिले थे। हत्याकांड के एक आरोपी विशाल चौहान को लेकर पुलिस उसके घर पहुंची। पुलिस ने यहां विशाल से न केवल पूछताछ की, बल्कि घर की तलाशी भी ली। कहा जा रहा है कि राजा की हत्या की साजिश विशाल और राज कुशवाह ने इसी मकान में रची थी। उसके घर से कुछ सामान भी जब्त किए गए हैं। पुलिस को राजा की ब्रेसलेट, अंगूठी और सोने की चेन की तलाश है, जो हत्या के बाद से गायब है। आशंका जताई जा रही है कि सोने की यह सारी चीजें इन्हीं लोगों के पास हो सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले के आरोपी राज कुशवाह, आनंद कुर्मी, विशाल चौहान और आकाश राजपूत एक-दूसरे को पहले से ही जानते हैं। राज कुशवाह संदेह से बचने के लिए मेघालय नहीं गया और इंदौर में अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहा। मेघालय के सोहरा के एक गाइड ने राजा रघुवंशी के साथ तीन अन्य लोगों के होने की बात मेघालय पुलिस को बताई थी। गाइड अल्बर्ट पीडी ने मंगलवार को दावा किया कि उसने कुछ तस्वीरें देखने के बाद संदिग्धों में से एक की पहचान की है। उसने कहा कि मुझे खुशी है कि अपराधी आखिरकार सलाखों के पीछे हैं। आरोपी राज कुशवाहा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर थानाक्षेत्र के गांव रामपुर का रहने वाला है। उसके पिता 22 साल पहले गांव छोड़कर इंदौर में बस गए थे। राज की दादी रामलली उसे बेगुनाह बता रही हैं। उन्होंने कहा कि राज को फंसाया जा रहा है। राज के चाचा मुन्ना उर्फ भूपेन्द्र ने बताया कि राज के पिता की कोरोना काल में मौत हो गई थी। राज की हरकतों से कभी यह शक नहीं हुआ कि वह हत्या जैसा कृत्य कर सकता है।
