डांस बार को सुप्रीम कोर्ट की इजाजत मिली

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नई दिल्ली। नीलू सिंह
डांस के शौकीन लोगों के लिए यह खबर राहत भरी है। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दे दी है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के 2016 के कानून को वैध माना, लेकिन साथ ही कुछ नियमों में बदलाव किए हैं। डांस बार में नोट और सिक्के नहीं उड़ाए जा सकेंगे, लेकिन बार गर्ल्स को टिप दी जा सकेगी।
न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक पीठ ने कहा, ‘2005 से आज की तारीख तक, कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। नियम हो सकते हैं लेकिन उनके नाम पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता’। फैसला सुनाते हुए, न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि डांस स्टेज और पीने व खाने के लिए अलग-अलग जगह नहीं हो सकते। इसके साथ ही उन्होंने सीसीटीवी कैमरा ‘आवश्यक’ रूप से लगाने के भी प्रावधान को निजता का उल्लंघन करार देते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने राज्य के कानून के हिसाब से दी गई अश्लीलता की परिभाषा को बरकरार रखते हुए कहा कि यह अस्पष्ट नहीं है।
कोर्ट ने अपने फैसले में महाराष्ट्र सरकार के कानून में अश्लीलता पर सजा के 3 साल के प्रावधान को मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुंबई में डांस बार अब शाम के 6 बजे से रात 11.30 बजे तक खुल सकेंगे। कोर्ट ने डांस बार में शराब परोसने और ऑर्केस्ट्रा को भी इजाजत दे दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बार में किसी तरह की अश्लीलता नहीं होना चाहिए। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार के 3 साल की सजा के प्रावधान को बरकरार रखा गया है। कोर्ट ने कहा कि डांस बार्स में सीसीटीवी लगाना जरूरी नहीं होगा। कोर्ट ने इस प्रावधान को भी हटा दिया कि डांस बार के मालिक का ‘अच्छा चरित्र (कैरेक्टर)’ होना चाहिए और कोई ‘आपराधिक इतिहास (एंटीसिडेंट्स)’ नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘इस बात कि कोई सटीक परिभाषा नहीं है कि किसे अच्छा चरित्र और आपराधिक इतिहास माना जाए’।

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