उत्तराखंड में छेड़छाड़ करने वालों ने मेरठ में पकड़ी कान

अल्मोड़ा उत्तरप्रदेश लाइव उत्तराखंड लाइव मुरादाबाद मेरठ राष्ट्रीय लखनऊ हरिद्वार

लखनऊ, राजेंद्र तिवारी। उत्तराखंड में सड़क पर उत्पात मचाने और बाइक राइडर युवती से छेड़छाड़ करने वाले तीन आरोपियों को मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मनचलों की अच्छे से मरम्मत कर दी, जिसके बाद आरोपी लंगडाते हुए कान पकड़कर चलते हुए थाने में दिखे। आरोपी कान पकड़कर कहते रहे कि सभी महिलाएं हमारी माता और बहनें हैं। अब हम किसी से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
उत्तराखंड में हरिद्वार की एक वीडियो 15 जून की रात वायरल हो गई थी। उत्तराखंड की एक बाइक राइडर युवती अपनी बाइक और सपोर्ट टीम के साथ रात को बाइक से हाईवे पर जा रही थी। इस दौरान मेरठ नंबर की इको यूपी-15ईएच-2344 में सवार कुछ लोगों ने बाइक चला रही युवती को देख अश्लील इशारे किए। बाइक राइडर युवती ने यह सारी घटना कैमरे में रिकॉर्ड की और आरोपियों की कार की नंबर प्लेट का एक फोटो भी ले लिया। इसके बाद इसी वीडियो को यूपी पुलिस और उत्तराखंड पुलिस को टैग करके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट किया। मेरठ पुलिस ने घटना का संज्ञान लिया और दरोगा शेखर की ओर से पल्लवपुरम थाने में कार मालिक देवेंद्र निवासी डबल-स्टोरी फेस-2 पल्लवपुरम समेत 6 अज्ञात के खिलाफ लापरवाही से कार चलाने और छेड़छाड़ करने का मुकदमा दर्ज कराया। दूसरी ओर, उत्तराखंड में भी मंगलौर थाने में आरोपियों पर दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया। पल्लवपुरम पुलिस ने इसी मामले में 20 घंटे के अंदर ही मंगलवार को कार मालिक देवेंद्र, कार चालक राहुल और इशारे करने वाले आरोपी निखिल को दबोच लिया। इको कार को भी सीज किया गया है। मेरठ पुलिस ने आरोपी मनचलों की जमकर खबर ली। इनकी एक वीडियो सामने आई है, जिसमें दो आरोपी निखिल और राहुल लंगड़ाकर चल रहे हैं और दोनों ने कान पकड़े हुए हैं। पीछे-पीछे कार मालिक देवेंद्र भी कान पकड़कर चल रहा है। अश्लील इशारे करने वाला आरोपी और उसके साथी कहते दिखे कि सभी महिलाएं हमारी माता बहनें हैं। अब किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। आज के बाद कोई गलती नहीं होगी। डीआईजी मेरठ रेंज कलानिधि नैथानी ने घटना की गंभीरता देखते हुए खुद ही कार्रवाई की कमान संभाली। महिला अपराध का मामला होने के कारण डीआईजी ने पहले एसपी ट्रैफिक मेरठ राघवेंद्र कुमार मिश्रा को नंबर प्लेट के आधार पर पहचान करने के लिए लगाया। पहचान होने पर एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को एक टीम बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए। खुद भी डीआईजी प्रकरण का अपडेट लेते रहे। इसके बाद एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को कार्रवाई के लिए जिम्मेदारी दी गई। 20 घंटे में ही आरोपियों को पकड़ लिया गया और कार सीज की गई। ऐसे में यूपी पुलिस के चार बड़े अफसर इस कार्रवाई और धरपकड़ में शामिल रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *