तेहरान। सैन्य संघर्ष के पांचवें दिन ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने मंगलवार को दावा किया कि उसने तेल अवीव में इजरायल की विदेशी खुफिया सेवा मोसाद के एक केंद्र पर हमला किया।
ईरान के एक सरकारी टेलीविजन पर जारी बयान में गार्ड्स ने कहा कि उसने अमान स्थित इजरायली सेना के खुफिया केंद्र और तेल अवीव में मोसाद के एक केंद्र पर हमला किया है। इससे वे आग की चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि इससे पहले इजरायल ने भी ईरान में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए अपने हमले तेज कर दिए। इजरायली सेना ने कहा कि ईरान से मिसाइल लॉन्च किए जाने के बाद मंगलवार सुबह तेल अवीव और यरुशलम में विस्फोट हुए। यह भी दावा कि एयर डिफेंस सिस्टम को इस्तेमाल कर ईरानी हमलों को नाकाम किया गया। साथ ही हमलों का जवाब दिया गया। इसमें पश्चिमी ईरान में कई मिसाइल और ड्रोन साइटों को निशाना बनाया। इनमें बुनियादी ढांचे, लांचर और आयुध भंडारण के स्थान शामिल हैं। वहां भारी नुकसान पहुंचा है। ईरानी हमलों के बाद तेल अवीव क्षेत्र में मलबा गिरने की पुलिस ने सूचना दी। साथ ही बताया लोगों से कहा वे आश्रयों को छोड़ सकते हैं। वहीं अग्निशमन दल ने कहा कि वे आसपास के क्षेत्रों में लगी आग से निपट रहे है। चीन ने इस संघर्ष को लेकर ट्रंप पर आरोप लगाया है कि वह आग में तेल डालने का काम कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा है धमकियां देना और दबाव बढ़ाना स्थिति को कम करने में मदद नहीं करेगा, बल्कि संघर्ष को और बढ़ाएगा और व्यापक बनाएगा। जी7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप सहित अन्य नेताओं ने सोमवार को दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का आग्रह किया। इस बात पर जोर दिया कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। जी7 के नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कहा कि हम आग्रह करते हैं कि ईरानी संकट के समाधान से मध्य पूर्व में शत्रुता में व्यापक कमी आए, जिसमें गाजा में युद्ध विराम भी शामिल है। बयान में इसकी भी पुष्टि की गई कि ईरान के पास कभी परमाणु हथियार नहीं हो सकता।
