नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत ने सोमवार को कहा कि उसकी सेनाएं किसी भी भावी मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। आपरेशन सिंदूर को लेकर तीनों सेनाओं के संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने सोमवार को एक संयुक्त प्रेस वार्ता में यह ऐलान किया। एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि हमारे सभी मिलिट्री बेस, उपकरण तथा सिस्टम संचालनात्मक हैं जो किसी भी अगले मिशन के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को नष्ट किए जाने की भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों का साथ दिया। उन्होंने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जिसका उन्हें जवाब देना जरूरी हो गया था। अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो सौ किलोमीटर के दायरे में भारत की चार स्तरीय वायु प्रतिरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के ड्रोन एवं मिसाइल हमलों को बेअसर कर दिया। सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, भारतीय सेनाओं ने एलओसी पार किए बगैर पाक में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। पहलगाम में पर्यटकों और उससे पहले शिवखोरी में तीर्थयात्रियों की हत्या के चलते यह कारवाई जरूरी हो गई थी। हमारे मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम ने पाक के ड्रोन हमलों को बेअसर किया। प्रेस वार्ता में मौजूद नौसेना के डीजीएमओ एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि प्रभावी तरीके से सेंसर और इनपुट का इस्तेमाल करते हुए हम खतरों को कम और बेअसर करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि हवाई प्रतिरक्षा तंत्र की मदद से ड्रोन मिसाइल या किसी भी हमले से निपटने के लिए पूरी तैयारियां हैं। एयर मार्शल एके भारती ने एक प्रश्न के उत्तर में रामचरित्र मानस की चौपाई सुनाकर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा, ‘विनय ना मानत जलध जड़ गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति’। यानि जब विनम्रता (विनय) काम नहीं करती है, तो क्रोध और भय का प्रयोग करना आवश्यक हो सकता है, ताकि मन में प्रेम और सद्भाव उत्पन्न हो सके। रामचरित्र मानस में इसका उल्लेख है जब समुद्र से रास्ता देने के लिए भगवान राम ने विनती की लेकिन जब तीन दिन तक उसने नही मानी तो उन्होंने गुस्से में आकर यह कहा कि बिना भय के प्रीति नही होती।
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