देहरादून, गौरव जोशी। सेंटर डिजिटल अपराधों की रोकथाम, विशेषज्ञ प्रशिक्षण, साइबर फोरेंसिक और आधुनिक संसाधनों के विकास के लिए देहरादून में साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की तैयारी शुरू होने लगी है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए देहरादून में साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की मांग उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी मंगलवार को केंद्र से की है। उन्होंने नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान केंद्र स्थापित करने के लिए 63.60 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत करने का आग्रह किया है। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट कर कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री से रानीखेत और लैंसडाउन छावनी क्षेत्र का नगर पालिकाओं के साथ विलय करने का आग्रह किया।
गृहमंत्री शाह से मुलाकात के दौरान धामी ने बताया कि केंद्र स्थापित करने लिए 150.16 करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री को राज्य के विद्युत संसाधनों के प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि छोटे हिमालयी राज्यों की भौगोलिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण परिसंपत्तियों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के तहत क्षतिपूर्ति के दायरे में लाया जाए। इससे राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र और अधिक प्रभावी व सशक्त होगा। धामी ने उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य ने 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस उपलब्धि को राज्य के लिए गर्व का विषय बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया कि इसे उत्सव के रूप में मनाते हुए उत्तराखंड निवेश उत्सव का आयोजन प्रस्तावित है, जिसे पंतनगर-रुद्रपुर के औद्योगिक क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में कई छावनी क्षेत्र हैं। इसमें लैंसडाउन और रानीखेत काफी महत्वपूर्ण हैं। यदि ये दोनों छावनी परिषद का नगर पालिकाओं में विलय होता हैं तो इससे इन क्षेत्रों में पर्यटन एवं जनसुविधाओं के समग्र विकास में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि धारचूला और जोशीमठ के सैन्य हेलीपैड को क्षेत्रीय संपर्क उड़ान योजना (आरसीएसð) के अंतर्गत उपयोग करने के लिए अनुमति दी जाए। उत्तराखंड आपदा के लिहाज से संवेदनशील है। मानसून सीजन में राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आपदा एवं राहत कार्यों के लिए भी इन हैलीपेड का आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
