मुंबई। भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम और अमेरिका-चीन में टैरिफ युद्ध थमने से दुनियाभर के शेयर बाजारों में सोमवार को शानदार तेजी आई। इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर दिखा और यहां पिछले चार सालों में एक दिन का सबसे बड़ा ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया गया। चौतरफा हुई खरीदारी से सेंसेक्स और निफ्टी ने लगभग चार फीसदी की बढ़त दर्ज की।
बीएसई सेंसेक्स 2,975.43 अंक यानी 3.74 प्रतिशत बढ़कर सात महीने से अधिक के उच्चस्तर 82,429.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 3,041.5 अंक बढ़कर 82,495.97 अंक पर पहुंच गया था। वहीं, निफ्टी 916.70 अंक यानी 3.82 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 24,924.70 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 936.8 अंक बढ़कर 24,944.80 अंक पर पहुंच गया था। बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप 3.85 प्रतिशत और स्मॉलकैप 4.18 प्रतिशत उछल गयाय। इस दौरान बीएसई में कुल 4254 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 3545 में लिवाली, जबकि 576 में बिकवाली हुई। इसी तरह एनएसई में कारोबार के लिए रखी गई कुल 3010 कंपनियों के शेयरों में से 2612 में तेजी, जबकि 329 में गिरावट रही। सेंसेक्स जून 2024 के बाद की एक दिन की सबसे बड़ी उछाल के साथ पांच महीने माह फिर 82 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार निकल गया। इससे पहले 13 दिसंबर 2024 को यह 82,133.12 अंक पर रहा था। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिशत के लिहाज से 1 फरवरी 2021 को बजट के दिन सेंसेक्स और निफ्टी में 4.7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं, अंकों के मामले में इससे पहले दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी बढ़त 5 जून और 3 जून 2024 को दर्ज की गई थी। तीन जून को सेंसेक्स में 2,507.45 अंक और निफ्टी में 733.20 अंक की भारी बढ़त देखी गई थी। शेयर बाजार में जोरदार बढ़त से निवेशकों की संपत्ति में 16.15 लाख करोड़ रुपये का जबर्दस्त इजाफा देखने को मिला। बाजार में हुई चौतरफा तेजी से बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 16,15,275.19 करोड़ रुपये बढ़कर 432.56 लाख करोड़ रुपये (करीब 5.05 ट्रिलियन डॉलर) हो गया। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद यह 417.01 लाख करोड़ रुपये था। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, हाल के दिनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निरंतर खरीददारी प्रमुख पहचान बनकर उभरी है। 08 मई को समाप्त हुए 16 कारोबारी सत्रों में एफआईआई ने एक्सचेंजों के माध्यम से कुल 48,533 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। हालांकि, 09 मई को भारत-पाक तनाव के चलते 3,798 करोड़ रुपये की बक्रिी दर्ज की गई। लेकिन, अब जबकि युद्धविराम की घोषणा हो चुकी है तो बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि एफआईआई द्वारा भारत में इक्विटी निवेश की गति एक बार फिर तेज हो सकती है।
