राम मंदिर ट्रस्ट का स्वागत पर धर्माचार्यों की उपेक्षा हुई : शंकराचार्य

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नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियों की रूपरेखा तैयार होने लगी है। हालांकि ट्रस्ट के सदस्यों की घोषणा होने के बाद कुछ संतों में अभी भी नाराजगी है। लेकिन ट्रस्ट बनाने और तैयारियों में जुटने की सरकार की हर कोशिश का संतों ने स्वागत किया है। काशी सुमेरू पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रनंद सरस्वती ने भी केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट में सदस्यों का चयन करते समय उन संतों की उपेक्षा की गई, जिन्होंने अयोध्या के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
शंकराचार्य नरेंद्रानंद स्वामी इन दिनों मध्यप्रदेश के हटा में आयोजित चंडी महायज्ञ में शामिल होने के लिए वहां गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि मंदिर का का निर्माण जितना जल्द संभव हो शुरू होना चाहिए। यह हिंदुस्तान का ही नहीं विश्व भर के हिंदुओं की यही इच्छा है। मंदिर निर्माण में केंद्र और राज्य सरकार की कोशिशों की सराहना करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि श्रीराम भक्तों की उम्मीदों पर सरकार को खरा उतरना चाहिए। श्रीराम मंदिर का निर्माण जल्द हो, यह सबकी इच्छा है। श्री राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद श्रीराम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मोदी सरकार ने ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया श्ुारू कर दी है, यह स्वागत योग्य कदम है। लेकिन ट्रस्ट में रामानंद संप्रदाय और उन संतों की उपेक्षा की गई है, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पूरा संघर्ष किया।

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