सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के बाद हिंसा

देश मुख्य समाचार राज्य

तिरुवनंतपुरम। केरल के सबरीमाला मंदिर में कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के बाद राज्य भर में हंगामा हुआ। राज्य भर में हिंदू संगठनों ने गुरुवार को हिंसक प्रदर्शन किया। राज्य में पथराव, वाहनों को रोकने, हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत होने की भी सूचना है। उधर सबरीमला मंदिर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुबह से हड़ताल और सड़क जाम के बावजूद भगवान अय्यप्पा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई और श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा।
मिली जानकारी के अनुसार सबरीमाला मंदिर में कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में सबरीमाला कर्मा समिति और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने 12 घंटे के इस हड़ताल का आह्वान किया है। पुलिस के अनुसार प्रदेश के कोझीकोड़, पलक्कड एवं कोल्लम में प्रदर्शनकारियों ने टायरों में आग लगा दी और सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर रख कर यातायात बाधित करने के लिए सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने बताया कि प्रदेश में सत्तारूढ़ माकपा के एर्णाकुलम एवं मलप्पुरम जिलों में स्थित पार्टी के स्थानीय कार्यालयों पर पथराव किया गया। उधर पंडालम में पथराव में गंभीर रूप से घायल हुए 55 साल के एक व्यक्ति की बुधवार की रात मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को हिंसा के सिलसिले में मलप्पुरम में 22 और कन्नूर में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कालीकट और कन्नूर सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों ने गुरुवार को होने वाली अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। बताया जा रहा है कि केरल राज्य पथ परिवहन निगम की बसें कई जिलों में सड़कों पर नहीं उतरीं। बुधवार को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों ने बसों पर भी पथराव किया था। पूरे प्रदेश में महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों समेत बडी संख्या यात्री बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। क्षेत्रीय कैंसर सेंटर में इलाज कराने वायनाड से यहां आयी 64 वर्षीय महिला पथुम्मा आज सुबह रेलवे स्टेशन पर गिर गयीं और उनका निधन हो गया। वहीं केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हड़ताल के चलते दुकानें और होटल बंद रहे। हालांकि, हड़ताल के बावजूद कुछ व्यापारियों ने एसएम स्ट्रीट स्थित अपने दुकानों को पुलिस सुरक्षा में खोला। यह कोझीकोड, कोच्चि एवं कोल्लम में व्यापार का एक बड़ा केंद्र है। व्यापारिक संगठनों ने कहा था कि वह इस हड़ताल को अपना समर्थन नहीं देंगे तथा दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोलेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने संबंधी ऐतिहासिक फैसले के तीन महीने बाद दो महिलाओं, कनकदुर्गा और बिंदू ने पहली बार इसमें प्रवेश किया। जैसे ही यह खबर फैली, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया और दुकानों तथा बाजारों को बंद कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *