हीरा से होटल उद्योग तक को टैक्स में राहत

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नई दिल्ली। नीलू सिंह

जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के लिए की जा रही मांग को देखते हुए कई वस्तुओं पर कर की दर में कटौती करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की सभी दरें एक अक्तूबर से लागू होंगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने कैफीनयुक्त पेय पदार्थों पर कर की दरों में 18 से 28 फीसदी तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। साथ ही 12 फीसदी अतिरिक्त क्षतिपूर्ति उपकर भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि गैस से भरे पेय पदार्थ अब क्षतिपूर्ति योजना के तहत नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि हीरा उद्योग पर लगने वाले डायमंड कट टैक्स की दर को पांच फीसदी से घटाकर 1.5 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही परिषद ने होटल किराये में कमी करने का फैसला लिया। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में टैक्स सरलीकरण और टैक्स के नियमों को युक्तिसंगत बनाने पर आधारित रही। मिली जानकारी के अनुसार परिषद की बैठक में बुने और गैर-बुने हुए पॉलीथिन बैग पर जीएसटी की दर 12 फीसदी कर दी गई है। इसके साथ ही आउटडोर कैटरिंग पर लगने वाले टैक्स की दर को 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है। बैठक में सामान की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और पॉलीप्रॉलीन के बोरों पर जीएसटी की दर को 12 फीसदी कर दिया गया है। वहीं बादाम के दूध पर 18 फीसदी टैक्स लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार जीएसटी परिषद ने होटल किराये में कमी करने का फैसला लिया। 7500 रुपये और इससे ज्यादा किराये वाले कमरों पर अब कर 18 फीसदी होगा। पहले यह दर 28 फीसदी थी। 1001 रुपये से 7500 रुपये तक के किराये वाले होटल के कमरे पर कर की दर 12 फीसदी होगी। 1000 रुपये तक के किराये पर कोई जीएसटी नहीं देना होगा। फूल-पत्तियों और अन्य जैव अनुकूल (बायो फ्रेंडली) वस्तुओं से बनाए जाने वाले कप और प्लेट पर कोई कर नहीं लगेगा। पहले इस पर पांच फीसदी टैक्स देना होता था।  चैप्टर 12 के तहत आने वाली वस्तुओं जैसे रेलवे के लिए सप्लाई पर जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। यह जमा इनपुट टैक्स क्रेडिट के बगैर है। 10-13 व्यक्ति की क्षमता वाले पेट्रोल मोटर वाहनों पर मुआवजा उपकर एक फीसदी तक कम कर दिया गया है। जबकि, डीजल वाहनों पर इसे घटाकर तीन फीसदी कर दिया गया है। कटौती से पहले, क्षतिपूर्ति उपकर 15 फीसदी था।

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