उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने को बने विशेष योजना

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देहरादून। अनीता रावत

उत्तराखांड में  मानव वन्यजीव संघर्ष एक बड़ी समस्या है। इसे रोकने के लिए वन विभाग के साथ इस क्षेत्र में काम करने वाले तमाम संस्थानों को विशेष योजनाएं बनानी होगी। मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की अगुवाई में भारतीय वन्यजीव संस्थान चंद्रबनी पहुंची संसदीय स्थायी समिति ने ये बात कही।15 सांसदों की इस समिति ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेश डा. धनंजय मोहन के साथ तमाम वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ इस समस्या पर लंबी चर्चा की। डा. धनंजय मोहन ने बताया कि समिति में ज्यादातर सांसद ऐसे इलाकों से हैं जहां मानव वन्यजीव संघर्ष एक बड़ी समस्या है। ऐसे में समिति ने इस समस्या को कम करने के लिए संस्थान की ओर से किए जा रहे कामों की बारीकी से जानकारी ली। इसके अलावा इसे रोकने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है इस पर भी लंबी चर्चा हुई। इसके बाद समिति ने संस्थान में वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में हो रहे शोधों की भी जानकारी ली। समिति की ओर से कुछ सुझाव भी दिए गए। साथ ही संस्थान की जरूरतों और समस्याओं पर भी चर्चा की। इससे पूर्व सोमवार को समिति ने राजाजी पार्क में भ्रमण कर वहां वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन के लिए हो रहे कामों की भी जानकारी ली थी। दल में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के अलावा वंदना चव्वाण, इंदु बाला गोस्वामी, नबम रेबिया, गुहाराम अजगाले, ईटी मोहम्मद बशीर, सुदर्शन भगत, जगत थरसांसक्सन, डॉ. स्वामी साक्षी महाराज, डॉ. जयंत कुमार राय, शताब्दी राय, रमापति राम त्रिपाठी और राम शिरोमणि वर्मा आदि शामिल रहे।

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