हाय रे कोरोना : कहीं मास्क में दुल्हन कहीं थाने में फेरे

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नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
एक ओर कोरोना का बढ़ता प्रकोप तो वहीं समस्याओं से घिरी जनता की अपनी परेशानी। कहीं लोग पैदल ही सैकड़ों किमी चलकर घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैँ तो कहीं चाह कर भी अपने अपनों का आखिरी दर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं। इन सबके बीच वह लोग भी है जो शादी के बंधन में बंधने के लिए व्याकुल हेँ। इसके लिए वह किसी भी उपक्रम करने से परहेज नहीं करते हैं। कहीं दूल्हा बारातियों को छोड़कर अकेले ही शादी रचाने बाइक से जा रहा है तो कहीं थाने में ही शादी हो रही है। कुछ जिलों में तो लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर दूल्हे को बिना शादी किए ही लौटना पड़ रहा है। रविवार को कुछ इससे इतर भी मामले सामने आए। कोरोना को देखते हुए कुछ दूल्हे और दुल्हन चेहरे को मास्क से ढक कर ओर सोशल डिस्टेंश का पालन करने का आश्वसन दिया तो ही उसके फेरे हुए। इन खबरों की सोशल मीडिया पर खास चर्चा हो रही है।

पूरे देश में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लागू है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लोगों से संवाद कर लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रहे हैँ। रविवार को उन्होंने कोरोना से लड़ाई में जनता को सिपाही की उपमा दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जनता अपने सामर्थ्य अनुसार इस लड़ाई में योगदान दे रही है।इस बीच ऐसी भी खबरें आ रही है कि कहीं लोग तय शादी की तरीख को आगे बढ़ा रहे हैं, तो कहीं शादी करने पर अड़े गए हैं। इस लॉकड डाउन में शादी करने वालों को कई अग्नि परीक्षा से गुजरनी पड़ रही है। रविवार को राजस्थान में एक शादी की अनुमित इस शर्त पर दी गई है कि दूल्हा और दुल्हन मास्क लगाकार सोशल डिंस्टेंश का पालन करते हुए फेरे लेंगे। शर्त मानने के बाद दूल्हा दुल्हन ने इसी तरह शादी की रश्म पूरी की। बाराती के नाम पर दोनें के मां बाप और शादी कराने के लिए सिर्फ एक पंडित मौजूद थे। यही नहीं यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड और बिहार में भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैँ। उत्तरप्रदेश के कानुपर में गोविंद नगर निवासी अनीशा अरोड़ा और लाजपत नगर निवासी सुमित आहूजा ने इसी तरह शादी की। दोनों की शादी गुरुद्वारे में हुई। अनीशा ने बताया कि कि जब गुरुद्वारे में अरदास कर शादी की तिथि फाइनल कर देते हैं तो टाल नहीं सकते। कोलकाता से डिजाइनर लहंगा न आ पाने पर यहीं से लेना पड़ा। 550 लोगों को निमंत्रण पत्र गए थे। अनीशा कहती हैं कि शादी के लिए 15 लोगों की परमीशन मांगी थी, लेकिन 10 लोगों की ही मिली।
वहीं जालौन जिले में शनिवार को रामकिशोर शुक्ला के पुत्र नीतेश शुक्ला की शादी 25 अप्रैल को तय हुई थी। शुक्ला ने मात्र पांच लोगों का पास बनवाकर रामपुरा निवासी लालजीवन द्विवेदी की बेटी पूनम से अपने बेटे की शादी कराई। बाराती के नाम पर दोनों पक्षों के सिर्फ पांच लोग मौजूद थे। वहीं उत्तराखंड के देहरादून में एक युगल शादी करने के लिए प्रशासन से बार बार गुहार लगा रहा है। कार्ड छप चुका है, लेकिन शादी की अनुमति नहीं मिली। वहीं 20 अप्रैल चंदौली में भी इसी तरह का मामला सामने आया था।शादी के लिए अड़े एक जोड़े की शादी थाने में कराई गई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए पंडित ने दोनों को फेरे कराए।

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