तो क्या उत्तराखंड में खालिस्तान का खतरा

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देहरादून। अनीता रावत

कश्मीर में 370 धारा हटने के बाद और पाकिस्तान की बौखलाहट के कारण इस्लामिक आतंकवाद दूसरे राज्यों में सुरक्षित ठिकाना बनाने की तक मे है। सूत्रों के अनुसार खालिस्तान समर्थक अपनी आतंकी गतिविधियों को लेकर उत्तराखंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। खुफिया जानकारी मिलने के बाद हरिद्वार, दून और ऊधमसिंह नगर की पुलिस सतर्क हो गई है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से बौखलाए इस्लामिक आतंकवाद के समर्थक उत्तराखंड में खालिस्तान आतंकवाद की जड़े जमाना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार देशभर में खालिस्तानी समर्थकों को सक्रिय करने की साजिश हो रही है। इसको देखते हुए उत्तराखंड को सतर्क कर दिया गया है। इस तरह के मिले इनपुट से देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले की पुलिस को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सिख आतंकवाद के दौर में हुई घटनाओं में शामिल रहे लोगों के बारे में जानकारी जुटाने को कहा गया है। इन जिलों के पुलिस कप्तानों से पूर्व में सक्रिय समर्थकों की कुंडली खंगालने को कहा गया है। 1984 के सिख दंगों के बाद खालिस्तान समर्थकों ने भारत में सिख समाज के लोगों के लिए एक अलग राष्ट्र बनाने की मांग उठाई थी। उस दौर में देहरादून के डोईवाला, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले भी खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों से प्रभावित हुए थे। इस मामले में कई आरोपी जमानत पर बाहर हैं, उनकी दिल्ली अथवा रुड़की आदि इलाकों में होने की सूचनाएं है। खुफि या तंत्र के अधिकारियों ने बताया कि खालिस्तानी समर्थक आंदोलन को हवा देने के लिए सोशल मीडिया का भी प्रयोग कर सकता है। इसलिए इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

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