उत्तराखंड के पूर्णागिरि में शारदीय नवरात्र मेला आज से

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हल्द्वानी। अनीता रावत
उत्तराखंड के पूर्णागिरि में गुरुवार से शारदीय नवरात्र मेला शुरू हो रहा है। इससे पूर्व ही बुधवार से ही श्रद्धालुओं के जत्थे मंदिर की ओर प्रस्थान करने लगे थे। पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा समेत अन्य तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। बगैर कोरोना जांच किसी भी श्रद्धालु को जिले की सीमा के भीतर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं कुमाऊं की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा में रामलीला की शुरुआत हुए 161 साल हो गए हैं। इस दौरान रामलीला मंचन में कई बदलाव सामने आए हैं। लंबे समय तक सभी अभिनय पुरुष पात्र ही करते आए, लेकिन 90 के दशक से छोटी बच्चियों ने भी पात्रों की भूमिका निभानी शुरू की। इधर, पहली बार नगर में महिला रामलीला का आयोजन होने जा रहा है। इसमें सभी किरदार महिलाएं ही निभाएंगी। कर्नाटकखोला रामलीला कमेटी से इसकी शुरुआत होगी।


कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद इस बार शारदीय नवरात्र मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए पुलिस ने सुरक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मेला मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को भैरव मंदिर तक जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। संबंधित विभागों को निर्देशित कर लंबित कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इधर, बनबसा के जगबुड़ा पुल पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात कर दी गई है। वैक्सीन की दोनों डोज लगाने वालों को प्रमाण पत्र दिखाना होगा जबकि सिंगल डोज वालों की एंटीजन जांच की जाएगी। बिना टीकाकरण आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ में लाना अनिवार्य है। बिना जांच किसी भी श्रद्धालु को जिले की सीमा के भीतर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर समिति अध्यक्ष भुवन पांडेय ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं अल्मोड़ा में रामलीला की शुरुआत 1860 में मालरोड में बद्रेश्वर मंदिर से हुई थी। उस दौर में डिप्टी कलक्टर स्व. देवीदत्त जोशी को इसका श्रेय दिया जाता है। वहीं, नगर में विख्यात नृत्य सम्राट पं. उदय शंकर ने रामलीला को लेकर किए गए नए प्रयोगों को लोग आज भी याद करते हैं। उन्होंने 1940-41 में पातालदेवी में छाया चित्रों के माध्यम से रामलीला प्रस्तुत की थी। सालों तक यहां पर हुई रामलीला के बाद नगर में अलग-अलग स्थानों में रामलीला होने लगी। वर्तमान में नंदा देवी, लक्ष्मी भंडार हुक्का क्लब, राजपुरा, धारानौला, एनटीडी और खत्याड़ी आदि स्थानों में लीला का मंचन हो रहा है।

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