महापुरुषों के त्याग और बलिदान से मिली आजादी

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सोनभद्र। जलाल हैदर खान
संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय लोढी में शुक्रवार को महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती धूमधाम से मनाई गई । कार्यक्रम का आयोजन आजादी के 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर अमृत महोत्सव के रूप में किया गया। मुख्य अतिथि प्राचार्य संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्याल व समन्वय एवं पर्यवेक्षण समिति के सदस्य डॉ. गोपाल सिंह ने ध्वजारोहण कर व दोनों महापुरुषों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस दौरान मुख्य अतिथि डॉ. गोपाल सिंह ने कहा कि दोनो महापुरूषो का जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणास्त्रोत है । गुलाम भारत में आजाद भारत का सपना देखना सहज नही था । भारतीयो के साथ अंग्रेजो का अमानवीयकृत्य, इस यातना दायक पीड़ा से कोई भी डीग सकता था। परन्तु हमारे महापुरुषों ने देश को आजाद कराने के लिए मन्शा वाचा और कर्मणा अंग्रेजो के समक्ष पहाड बनकर खड़े थे । गाँधी की बौद्धिक कुशलता के आगे अंग्रेज बार – बार नस्तमस्तक हो जाते थे। शास्त्री जी कर्मठता की जीवन्त मूर्ती थे । गाँधी जी और शास्त्री जी व्यक्ति ही नहीं युग थे, संस्था थे, परिवेश थे, वातावरण थे । अंग्रेजो के सामने एक अमीट व्यक्त्तिव और सवाल थे । अन्ततः दोनो महापुरूषो के नेतृत्व में गुलामी के दिन बिते और देश आजाद हुआ । आज हम जो कुछ भी है इन्ही महापुरुषो के त्याग और बलिदान और तपस्या के दम पर है। आजादी के 75 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर उन्होंने कहा कि हम महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री के बताए रास्ते पर चलकर दोनो महापुरूषो को श्रद्धा सुमन अर्पत कर सकते है । यही हमारी सच्ची श्रद्धाजली होगी।

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