उत्तराखंड में पहाड़ की सड़कों पर छोटी बसें चलाने की इजाजत

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देहरादून। अनीता रावत
राज्य के पर्वतीय जिलों और चारधाम रूट पर चार टायर वाली मिनी बसों (टैंपो ट्रेवलर्स) के संचालन का रास्ता साफ हो गया। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने 16 व अधिक सीट वाली मिनी बसों के साथ जुड़ी छह टायर की अनिवार्यता को खत्म करने को मंजूरी दे दी। यात्री और माल भाड़ा वाहनों का किराया संशोधन का प्रस्ताव फिलहाल टल गया है।


शनिवार को एसटीए की बैठक में यह निर्णय किया गया। इसके साथ ही ऑनलाइन बुकिंग पर टैक्सी, मैक्सी, ऑटो आदि परिवहन सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया शुरू की जा रही है। एसटीए अध्यक्ष परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित एसटीएस बैठक में 12 विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। मिनी बसों को लेकर राज्य में दोहरे मानक हैं। राज्य का कोई व्यक्ति 15 सीट से ज्यादा लेकिन चार टायर वाली मिनी बस को पर्वतीय मार्गों पर नहीं चला सकता है। जबकि दूसरे राज्यों से इसी श्रेणी मिनी बसों को राज्य में आवाजाही पर कोई रोक नहीं थी। एसटीए अध्यक्ष दीपेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि चार टायर वाली मिनी बस को राष्ट्रीय स्तर पर अनुमति है। साथ ही अब इन बसों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बात पूर्व में गठित उच्च स्तरीय समिति भी संस्तुति कर चुकी है। सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद ही अनुमति देने पर सहमति दी गई है।

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