हल्द्वानी, गौरव जोशी। उत्तराखंड में वनाग्नि के लिहाज से यह साल सुखद रहा है। फायर सीजन समाप्ति की ओर है और अभी तक राज्य में आग की मात्र 232 घटनाएं हुई हैं, जिनमें करीब 275 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। वनाग्नि की घटनाओं का यह आंकड़ा बीते वर्ष के मुकाबले करीब 82 फीसदी तक कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल बारिश की अधिकता ने जंगलों में नमी के स्तर को बढ़ाया, जिससे आग की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगी है।
वन विभाग के डेटा के मुताबिक उत्तराखंड में इस साल अभी तक जंगल में आग की 232 घटनाएं हुई हैं। इससे पहले कोरोना काल वर्ष 2020 में आग की 135 घटनाएं सामने आई थीं। वन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना काल को छोड़कर इस वर्ष जंगल जलने की घटनाएं बीते 10 वर्ष में सबसे कम हैं। वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने बुधवार से फिर से बारिश की संभावना जताई है ऐसे में फायर सीजन की समाप्ति 15 जून तक इन घटनाओं में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना भी नहीं है। पिछले 15 साल में आग की सबसे ज्यादा घटनाएं 2021 में हुईं। तब आग की 2813 घटनाओं में 3943.89 हेक्टेयर जंगल जला था। वहीं साल 2018 में आग की घटनाएं 2150 हुईं लेकिन तब सबसे ज्यादा करीब 4480 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ था। वन अधिकारियों का मानना है कि आग की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विभाग प्रभावी कदम उठा रहा है।
